श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने खुद के खिलाफ जीता अविश्वास प्रस्ताव

कोलंबो: श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने खिलाफ संयुक्त विपक्ष द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को बड़ी आसानी से जीत लिया. संयुक्त विपक्ष का विक्रमसिंघे पर आरोप है कि वह वित्तीय अव्यवस्था को फैलाने में भागीदार रहे साथ ही मध्य कांडी जिले में मुस्लिम विरोधी दंगों से निपटने में भी पूरी तरह असफल रहे. 68 वर्षीय विक्रमसिंघे के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 122 वोट पड़े जबकि पक्ष में 76 मत डालें गए.

श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक वोटिंग के दौरान 26 सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे. बताया जा रहा है कि जिन 76 सदस्यों ने विक्रमसिंघे का विरोध किया उनमें से करीब 13 सिरीसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) से सरकारी पदों पर काबिज है.

आपको बता दें कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के साथ गठबंधन में राष्ट्रीय एकता सरकार का नेतृत्व करने वाले विक्रमसिंघे और एसएलएफपी की यूएनपी साल 2015 से राष्ट्रीय एकता सरकार का संचालन कर रहे है. इससे पहले सयुंक्त विपक्ष ने विक्रमसिंघे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर कारू जयसूर्या के सामने पेश किया , जिसके बाद संसद में इसके ऊपर सुनवाई की गई.

 

दाऊद पाक में ही है-संयुक्त राष्ट्र

अंतरिक्ष के सशस्त्रीकरण के खिलाफ है भारत

यहां टूथपेस्ट की जगह पेशाब से करते थे दांतो की सफाई

 

Related News