कोलंबो: श्रीलंका की नई सरकार ने 2015 में लागू किए गए 19 वें संशोधन में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. जिसमें राष्ट्रपति की शक्तियों पर लगाम लगाई गई है और संसद की भूमिका को सशक्त किया गया है. बुधवार को एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि सत्ताधारी राजपक्षे के नेतृत्व वाली एसएलपीपी (SLPP) ने आम चुनाव से पहले इसमें बदलाव करने का संकल्‍प लिया था. 20 अगस्त को नई संसद के औपचारिक उद्घाटन से पहले श्रीलंका पीपुल्स पार्टी मंत्रिमंडल की बैठक के उद्घाटन के अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री केहलिया रामबुकवेला ने कहा कि सरकार ने 19 वें संशोधन में बदलाव करने का निर्णय लिया है. मंत्री होने के साथ सरकार के प्रवक्‍ता रामबुककुवेला ने कहा कि, 'मंत्रिमंडल ने 19A में संशोधन कर 20A लाने का निर्णय लिया है.' हालांकि उन्होंने इस संबंध में आगे विवरण नहीं बताया कि 19A के किन प्रावधानों में बदलाव किया जाएगा या सरकार इसे रद्द करने का विकल्प चुनेगी. आपको बता दें कि 19A बीती सरकार का मुख्य चुनावी मुद्दा था. 19 ए न्यायपालिका, सार्वजनिक सेवा और चुनाव जैसे मुख्य स्तंभों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करके सरकारी प्रशासन में राजनीतिकरण को कम करता है. जब से 19ए को लागू किया गया था, तब से ही SLPP इसे समाप्त करने के लिए कह रही थी. उसका आरोप है कि यह संशोधन राजपक्षे परिवार के सदस्यों को सियासी रूप से जकड़ने के लिए किया गया था. रूस में अब भी जारी है कोरोना वैक्सीन का तीसरा ट्रायल जो बाइडेन और कमला हैरिस के समर्थन में उतरीं हिलेरी क्लिंटन, दिया बड़ा बयान AIIMS में भर्ती अमित शाह की तबियत में आया सुधार