न्यूयार्क: देश सहित विदेशों में भी इस समय राजनैतिक गतिविधियां बहुत तेज हो गई हैं। जिससे राजनीति में नए नए मोड़ भी सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि श्रीलंका में इस समय राजनीति के हालात अत्यंत दयनीय हो गए हैं। इसके साथ ही पूरे देश में सिरिसेना के फैसले की चर्चाएं भी हो रही हैं। हाल में प्राप्त जानकारी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा देश की संसद भंग करने के फैसले पर चिंता जताई है। कांगो : इबोला से अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत यहां बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरिसेना ने देश की राजनीति में कुछ बदलाव कर दिए हैं। जिससे वे पूरे देश में चर्चित हो गए हैं। उन्होने हाल ही में संसद को भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने का फैसला लिया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने श्रीलंका में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करने और कानून के अनुसार विवाद हल करने के महत्व पर जोर दिया। इतिहास की सबसे भीषण आग में घिरा कैलिफोर्निया का जंगल. अब तक 23 लोगों की मौत गौरतलब है कि बीते दिनों सिरिसेना ने भारत के तमिल प्रांत के भी कुछ लोगों को श्रीलंका से आजाद करने की बात कही थी लेकिन उस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं अब श्रीलंका पर दुख के बादल भी मंडराने लगे है। इसके अलावा श्रीलंका का राजनीतिक संकट उस समय और बढ़ गया जब राष्ट्रपति सिरिसेना ने संसद को भंग कर दिया और पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी। वहीं इसके बाद सदन में ऐसा लगने लगा था कि मानो प्रधानमंत्री महिदा राजपक्षे को सदन में पर्याप्त समर्थन नहीं मिलेगा। खबरें और भी मुसलमानों के दमन के आरोप पर चीन ने अमेरिका को दिया करारा जवाब सोमालिया : बम विस्फोट में मरने वालों की संख्या हुई 53 जमाल खशोगी हत्या: तुर्की ने किया एक ओर बड़ा खुलासा