नईदिल्ली। अयोध्या के विवादित श्री रामजन्मभूमि एवं बाबरी मस्जिद के विषय पर एक बार फिर चर्चा हो रही है। हालांकि कई पक्ष इस मामले को सुलझाने में लगे हैं। जिनमें आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर भी शामिल हैं। जानकारी सामने आई है कि 16 नवंबर को श्री श्री रविशंकर अयोध्या पहुंचेंगे। इसके पहले बुधवार को वे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर सकते हैं। आज शाम 4 बजे श्री श्री केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भेंट करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि,दोनों पक्ष आपसी सहमति से परेशानी के समाधान के लिए तैयार हों। यदि ऐसा होता है तो फिर,इसके परिणाम अच्छे आऐंगे। इस मसले के समाधान के लिए कई लोग सामने हैं यह एक अच्छी बात है। अयोध्या भगवान श्री राम की धरती है। सरकार अयोध्या का विकास करेगी। अयोध्या हमारे लिए आस्था का विषय है। अयोध्या के साथ सरकार मथुरा का विकास भी करेगी। अयोध्या हमारी पहचान है और, यदि पहचान की अवज्ञा की जाए तो जो ऐसा करते हैं उन्हें माफ नहीं किया जा सकता है। भारत में राम के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है। हालांकि एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने श्री राम मंदिर के मसले पर श्री श्री रविशंकर की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के मसले पर चर्चा करवाकर उन्हें पुरस्कार नहीं मिलेगा। वे झूठ बोल रहे हैं और मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड से उनकी भेंट नहीं हुई है। गौरतलब है कि श्री श्री रविशंकर ने कुछ समय पूर्व शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों से भेंट की थी। शिया वक्फ बोर्ड ने राम मंदिर मुद्दे को शांति से सुलझाने की बात कही गई है, और मस्जिद को अयोध्या और फैजाबाद से बाहर बनाने पर सहमति जताई है। शिया वक्फ बोर्ड जल्द ही कोर्ट में समझौते की कॉपी भी देगा। श्री श्री रविशंकर के सुन्नी मौलानाओं से बात करने पर शिया वक्फ बोर्ड अपनी आपत्ति भी दर्ज करा चुका है। निकाय चुनाव बने योगी की अग्निपरीक्षा अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिशें तेज़ अयोध्या मसले को लेकर श्री श्री से मिले वसीम रिजवी 2022 तक देश में राम राज्य होगा - योगी