उडुपी। श्री रामजन्मभूमि एवं बाबरी मस्जिद विवाद पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर से इस मामले में कथित तौर पर मध्यस्थता न करने के लिए कहा, जिसके बाद यह बात सामने आई है कि श्री श्री ने इस मसले पर मध्यस्थता से इन्कार कर दिया है। जानकारी सामने आई है कि श्री श्री रविशंकर अब धर्म संसद में शामिल नहीं होंगे। श्री राम जन्मभूमि मसले में उन्हें किसी तरह का दखल नहीं देना चाहिए। उनका कहना था कि श्री राम जन्मभूमि मामले में निर्णय लेने हेतु धर्म संसद का नेतृत्व करना चाहिए। जबकि आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर स्वयं ही इस मामले में निर्णय लेने में लगे हैं। गौरतलब है कि आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि वे इस मामले में विभिन्न पक्षों से चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों से चर्चा की थी। यह बात भी सामने आई थी कि वे आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के पदाधिकारियों से भी मिले थे। मगर इस मामले में उनकी आलोचना की गई और विवाद ने तूल पकड़ लिया। अब जानकारी सामने आई है कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने उन्हें मध्यस्थता करने से इन्कार कर दिया है। इस मामले में उडुपी स्थित पेजावर मठ के ऋषि श्री विश्वेष तीर्थ स्वामी ने कहा कि आयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण, गौर रक्षा, छुआछूत का सफाया, समाज सुधार व धर्मांतरण को रोकने जैसे मसलों पर चर्चा किए जाने की बातें सामने आई हैं। धर्म संसद में श्री राम मंदिर को लेकर हिंदू संतों के मतों को भी सामने रखा जाएगा। अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा - भागवत भाजपा ने अयोध्या मामले में राहुल से की अपील बाबरी मस्जिद विध्वंसीकरण के 25 साल, बजरंग दल ने निकाली भर्तियां रिजवी ने लगाया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर झगडे बढ़ाने का आरोप