भारत के राज्य पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा माफ करने के मामले में नया मोड़ आ गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोक सभा में सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के सवाल के जवाब में कहा कि राजोआणा की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का कोई फैसला नहीं किया गया है. जुकाम का वायरस गर्भवती महिला के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक, इस तरह पहुंचता है नुकसान आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 11 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आठ कैदियों की पूर्व रिहाई और बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए पत्र जारी किया था. यह फैसला श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के कारण लिया गया था. इमरान सरकार के लिए तीन दिग्गज नेता बने सिरदर्द, राजनीति में खेल रहे लुकाछुपी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान से सियासी हलकों में खलबली मच गई है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार अपने ही फैसले से कैसे पलट सकती है? केंद्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने इसे सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है, जबकि एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने इसे सिखों के साथ 'गंभीर अन्याय' बताया है. वहीं, राजोआणा की बहन कमलजीत कौर ने इसे धोखा और मजाक बताया है. संयुक्‍त राष्‍ट्र की चेतावनी: भीषण गर्मी करने वाली है हालत खराब, कारण जानकर सहमी दुनिया केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार को भेजे गए पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार ने राजोआणा की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदले जाने को मंजूरी दे दी है. पत्र में आठ कैदियों को संविधान के आर्टिकल-161 के तहत और एक सिख कैदी को आर्टिकल-72 के तहत सजा से राहत देने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है. विधायक अलका लांबा की फोटो के साथ छेड़छाड़, मीडिया को बताया क्यो दर्ज करवाया मुकदमा ग्लोबल वार्मिग : 25 हजार बच्चे दो सप्ताह पहले हुए पैदा, बढ़ते खतरे के लगातार मिल रहे संकेत सीएम के आदेश पर एक महीने बाद हटे प्रधान मुख्य वन संरक्षक