हिंदी सिनेमा की दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी 24 फरवरी की रात को इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गई थी. श्रीदेवी के प्रशंसकों के लिए वो रात एक बुरी काली रात साबित हुई थी. श्रीदेवी की मौत दुबई के एक होटल में बाथटब में डूबने से हुई थी. जिसके बाद दुबई के शासकीय और चिकित्सकीय औपचारिकताओं को पूरा करने के कारण श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को 27 फरवरी को उनके परिवार वालों को सौंपा गया था. 28 फरवरी को राजकीय सम्मान के साथ श्रीदेवी का अंतिम संस्कार किया गया था. श्रीदेवी के राजकीय सम्मान पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और आरटीआई ने सवाल उठाए थे. शुक्रवार को 'सुचना का अधिकार' (RTI) के तहत इस बात का खुलासा हुआ हैं कि श्रीदेवी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करवाने का आदेश महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया था. आरटीआई के कार्यकर्ता अनिल गलगली ने फडणवीस सरकार के 'सामान्य विभाग के प्रोटोकॉल विभाग' के इस बात की जानकारी मांगी थी कि- श्री'देवी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करवाने का अधिकार किसके पास हैं.' इसके बाद विभाग ने गलगली को जवाब देते हुए कहा कि- 'किसी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करवाने का आदेश देने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होता हैं और मृत व्यक्ति को मिले राष्ट्रीय सम्मान या पद्मं सम्मान का इससे कोई सम्बन्ध नहीं होता हैं.' आरटीआई ने ये याचिका क्यों दायर की थी इसका कारण पूछे जाने पर आरटीआई के एक कार्यकर्ता ने बताया कि, 'राजकीय सम्मान का आदेश देने वाले व्यक्ति को लेकर संदेह दूर करने के लिए विभाग ने ये याचिका दायर की थी.' इतना ही नहीं आरटीआई के जवाब में ये भी पता चला कि 22 जून 2012 से लेकर 26 मार्च 2018 तक 40 हस्तियों का अंतिम संस्कार राजकीय संस्कार के साथ किया गया हैं. भोजपुरी क्वीन आम्रपाली और खेसारी लाल इस फिल्म में मचाएंगे धमाल पिछले 4 महीने से पागलखाने में था ये लापता कॉमेडियन