नई दिल्ली. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित न केवल दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे की पैरोकार हैं, बल्कि दिल्ली पुलिस को भी राज्य सरकार के अधीन किए जाने की पक्षधर हैं लेकिन केंद्र और पिछली सरकारों पर आरोप लगाकर खुद का पल्ला झाड़ लेने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीति के बेहद खिलाफ हैं. मीडिया से हुई बात में उन्होंने कहा कि, दिल्ली ऐसा राज्य है, जहां बाहर से आने-जाने वालों का सर्वाधिक दबाव है, इसके मद्देनजर यहां सतत विकास की जरूरत है. केवल एक-दो कार्यों का प्रोपेगंडा करके दिल्ली को अपने हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता. 1998 में जब हमारी सरकार आई थी, तब दिल्ली में 3-4 फ्लाईओवर थे. आज 30 से भी ज्यादा हैं. यातायात दबाव को देखते हुए ये भी पर्याप्त नहीं लगते. उन्होंने कहा कि, हवा-पानी साफ-सुथरा रखने की पहली जिम्मेदारी तो राज्य सरकार की ही है. दूसरों पर आरोप लगा देने भर से तो काम नहीं चलता. दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार मन बना ले तो धन की कमी नहीं है. 1300 करोड़ रुपए तो अभी सरकारी खजाने में इसी काम के लिए पड़े हैं, सरकार ने उसका उपयोग नहीं किया. अगर सरकार वाकई मन से प्रदूषण के खिलाफ काम करना चाहेगी तो आम जनता से भी इसमें सहयोग मिलेगा. एड्स के मरीज की ठंड लगने से मौत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव ने डाली दो भाइयों में फूट लालू-केजरीवाल की दोस्ती, कुमार को नहीं आई रास