पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होना आईएएस लॉबी को रास नहीं आया. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में प्रणाली को विशेषतौर पर लागू किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्णय होने के कारण वे खुलकर इसका विरोध नहीं कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश आईएएस एसोसिएसन ने भी चुप्पी साधे रहना ही बेहतर समझा है. वहीं, सेवानिवृत्त आईएएस अफसरों ने खुलकर अपनी राय रखी. उन्होंने आशंका जताई कि इस नई व्यवस्था से पुलिस व प्रशासन के बीच संतुलन बिगड़ेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बोला, 'सेनानिवृत्ति के बाद भी पूर्व सैनिक अलग-अलग क्षेत्रों के जरिए... अपने बयान में पूर्व मुख्य सचिव योगेन्द्र नारायण ने कहा कि प्रशासनिक ढांचे में सिविलियन अथॉरिटी को सुप्रीम माना गया है. गांव वाले भी राजस्व व पुलिस की शिकायत डीएम से करते थे. आज भी आम आदमी पुलिस की वर्दी से खौफ खाता है. इस कारण पुलिस के पास जाने से संकोच करते हैं. जनता डीएम के पास आसानी से पहुंच जाती है. वर्तमान व्यवस्था ऐसी बनी है, जिसमें डीएम और एसपी के बीच संतुलन स्थापित रहता है. कमिश्नर प्रणाली में यह संतुलन बिगड़ जाएगा. मतदाताओं के लिए बड़ी खबर, अब घर बैठे दे सकते है वोट इस मामले को लेकर पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन कहते हैं कि डीएम व एसपी समन्वय स्थापित कर जिले में अच्छा काम करते हैं. कई जगह पानी, बिजली व सड़क को लेकर प्रदर्शन होते हैं तो इसमें नागरिक समस्याओं को दूर करने का निर्णय डीएम ही लेते हैं. सरकार ने यह साफ नहीं किया कि उसने पुलिस कमिश्नर प्रणाली क्यों लागू की? वर्तमान व्यवस्था में उसे कहां दोष दिखाई दिया? अभी पुलिस उत्पीड़न की शिकायत डीएम से होती है लेकिन नई व्यवस्था में पुलिस की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं रहेगा. CAA Protest: अदालत ने सरकार और पुलिस पर छोड़ा शाहीनबाग विरोध प्रदर्शन का फैसला RBI ने निर्धारित की धन निकासी की सीमा, एक और बैंक के डूबने की आशंका हाई कोर्ट ने प्रदर्शन को लेकर कही बड़ी बात, जामा मस्जिद कोई पाकिस्तान में नहीं है.....