2012 Nirbhaya case: पूर्व पुलिस कमिश्नर ने किया बड़ा खुलासा, जानकर रह जाएंगे दंग

दिल्ली के वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में उस समय आरोपितों और वर्तमान में दोषियों को मारने का कभी खयाल नहीं आया. हालांकि उस समय लोगों ने दिल्ली पुलिस के प्रति ऐसा रवैया दिखाया था, जैसे पुलिसकर्मी भी दुष्कर्मी हैं. उस समय पुलिस पर बहुत दबाव था, लेकिन कभी भी आरोपितों को मारने का विचार दिल और दिमाग में नहीं आया. ये बातें शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहीं.

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अपने बयान में उन्होंने कहा कि वह बड़ा मुश्किल समय था, जबकि दिसंबर 2012 में वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू की गई थी. 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. घटना की क्रूरता ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. राजधानी से लेकर पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. उस समय लोग मांग कर रहे थे कि आरोपितों को भूखे शेरों के सामने फेंक दिया जाए. किसी ने उन्हें सार्वजनिक रूप से भीड़ के हवाले करने की बात की, किसी ने पीट-पीटकर मारने की बात कहीं, लेकिन उस समय पुलिस ने काफी धैर्य से कार्य किया. उस समय पुलिस अधिकारियों पर दबाव तो था, लेकिन कुछ भी गलत करने का विचार किसी के मन में नहीं आया.

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नीरज कुमार द्वारा लिखी गई ‘खाकी फाइल्स’ पुस्तक में उन्होंने जिक्र किया है कि उनकी बेटियों को दुष्कर्म की धमकी दी गई थी और उनके इस्तीफे की मांग की गई थी.उन्हें ऐसा महसूस कराया गया जैसे वे भी दुष्कर्मियों में से एक थे. उस समय उन्होंने किसी भी जांच में सहयोग करने की बात कही थी, क्योंकि पुलिस ने सही तरीके से बिना कोई गलती किए कार्य किया था.

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