राजस्थान सरकार से नाराज कैबिनेट मंत्री, विधायक सुनवाई नहीं होने से नाखुश

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के मंत्री और सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक अपनी सरकार में सुनवाई नहीं होने से नाराज हैं। इसके साथ ही मंत्री और विधायक खुले तौर पर ब्यूरोक्रेसी पर निशाना साध रहे हैं। वहीं विधानसभा में सरकार के मंत्रियों और अफसरों ने ही ब्यूरोक्रेसी पर कई बार निशाना साधा। लगभग 14 माह के कार्यकाल में छह मंत्री और पांच विधायक अपनी ही सरकार की ब्यूरोक्रेसी के viruidh मोर्चा खोल चुके हैं। वहीं इस कारण सरकार को कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है। आपको बता दें की गहलोत सरकार के मंत्री अपने प्रभार वाले विभागों में भी खुद की मर्जी से काम नहीं होने से नाराज है तो सुनवाई नहीं होने से नाखुश हैं। वहीं, पार्टी कार्यकर्ता सरकार बनने के लगभग  14 माह बाद भी सत्ता में भागिदारी नहीं मिलने से परेशान हैं। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कई बार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही सरकार को घेरा। 

वहीं चाहे नागौर और बाड़मेर में दलित युवकों के साथ मारपीट का प्रकरण हो या फिर भ्रष्टाचार का मामला हो,पायलट ने कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। आपको बता दें वे सत्ता में कार्यकर्ताओं की भागिदारी नहीं होने की बात कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह का राज्य पर्यटन विकास निगम के महाप्रबंधक के साथ करीब छह माह तक विवाद चला। इसके साथ ही विश्वेंद्र सिंह ने सार्वजनिक रूप से कई बार महाप्रबंधक के विरुद्ध बयान दिए। एक टेंडर को लेकर चले विवाद में विश्वेंद्र सिंह ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। वहीं इसी तरह खाघ एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने सार्वजनिक रूप से कई बार कहा कि अधिकारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं कर रहे हैं।कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अफसर अपने कमरे के बाहर खड़ा रखते हैं।

 इसके साथ ही आपको बता दें की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने शिकायत की कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी हावी है। प्रदेश के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया अपने विभाग में बार-बार प्रमुख सचिव बदले जाने से नाराज है । उनकी अधिकारियों के साथ पटरी नहीं बैठ रही है ।वहीं  उन्होंने पिछले दिनों ट्वीट कर कहा कि मैने महसूस किया है कि प्रदेश में सरकार बदल जाने के बावजूद ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली नहीं बदली है।इसके साथ ही  परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास,सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा भी कई बार अफसरों के खिलाफ बयान दे चुके हैं। वहीं वरिष्ठ विधायक भरत सिंह और राजेंद्र सिंह विधुडी ने खान, पुलिस व आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। भरत सिंह ने एक ही नहीं कई बार मीडिया में और फिर विधानसभा में अपनी ही सरकार के अफसरों को घेरा।

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