राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच खींचतान बढ़ती ही जा रही है.दोनों दिग्गजों के बीच बढ़ती खींचतान का असर सत्ता और संगठन के कामकाज पर नजर आने लगा है. सत्ता और संगठन में असमंजस की स्थिति है. मंत्री और विधायकों में दोनों दिग्गजों को खुश करने की होड़ मची है. वहीं, ब्यूरोक्रेसी में गहलोत और पायलट के बीच चल रही खींचतान की चर्चा है. अफसर अपने-अपने ढंग से दोनों दिग्गजों के साथ संतुलन बनाए रखने में जुटे हैं. असम CAB : पुलिस ने चलाई गोलियां, सीएम ने नकारात्मक ताकतों का बताया हाथ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक तरफ जहां प्रदेश में दोनों दिग्गजों के बीच खींचतान चल रही है, वहीं दूसरी तरफ दोनों अपने-अपने समर्थकों के माध्यम से पार्टी नेतृत्व तक एक-दूसरे के खिलाफ जानकारी पहुंचाने में जुटे हैं. सीएम गहलोत समर्थक कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, मुख्य सचेतक महेश जोशी, चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग पिछले दिनों दिल्ली जाकर सरकार के कामकाज की जानकारी पार्टी के केंद्रीय नेताओं को देकर आए हैं. इन मंत्रियों ने पायलट समर्थकों द्वारा समय-समय पर की जाने वाली सरकार की सार्वजनिक आलोचना के तथ्य भी केंद्रीय नेताओं को सौंपे. नागरिकता कानून: जापान तक पहुंची असम के प्रदर्शन की आग, पीएम शिंजो आबे उठा सकते हैं बड़ा कदम दुसरी ओर पायलट समर्थक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. मीणा ने गुरुवार को दिल्ली में ही कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और अविनाश पांडे से मुलाकात कर पायलट के समर्थन में अपना पक्ष रखा. मीणा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने सोनिया गांधी से राहुल गांधी को शीघ्र कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की है.देश में स्थायित्व के लिए राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए. मीणा ने कहा कि राहुल गांधी को मनाने के लिए हमें जो कुछ भी करना पड़े हम करेंगे. 'क्या सांता क्लॉज़ रियल है?' जानिए गूगल पर ये सर्च करके क्या सीख रहे बच्चे देश को 'रेप कैपिटल' बताकर बुरे फंसे राहुल गाँधी, स्मृति ईरानी ने कहा- क्या वे ये चाहते हैं कि महिलाओं.... न्यूजीलैंड ज्वालामुखी विस्फोट: आर्मी ने बरामद किए 6 और शव, मृतकों की तादाद बढ़कर हुई 22