पटना : जब से तेजस्वी यादव पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा है तब से न केवल राजद और जदयू में दूरियां बढ़ीं है, बल्कि इस विषय को लेकर बिहार की महागठबंधन सरकार पर भी खतरा मंडराने लगा है. बिहार में सब कुछ ठीक न होने के संकेत जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के बयान से मिल रहे हैं, जिसमे उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे के बजाय महागठबंधन को बचाने को ज्यादा जरुरी समझा है. बता दें कि शरद यादव के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू यादव की जिम्मेदारी है कि वे महागठबंधन को और मजबूत कर इसे राष्ट्रीय स्तर तक ले जाएं.जबकि दूसरी ओर जदयू के महासचिव के.सी. त्यागी ने कहा कि महागठबंधन किसी संकट नहीं बल्कि धर्मसंकट में है. इसलिए इसकी आयु बढ़ाने के उपाय किये जाने चाहिए. इस बात से लगता है कि तेजस्वी के इस्तीफे का मुद्दा प्राथमिक नहीं रह गया है. जबकि दूसरी ओर बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने कहा है कि यदि लालू प्रसाद व तेजस्वी यादव जेल गए तो उनकी तस्वीर रखकर 27 अगस्त की रैली निकाली जाएगी. मंत्री की इस बात से यह संकेत मिल रहा है कि राजद को लालू और तेजस्वी की गिरफ्तारी का अंदेशा है. 27 अगस्त को लालू की बिहार की महारैली को लेकर माहौल बनने लगा है. यह भी देखें बिहार में महागठबंधन में बवाल बढ़ा जदयू को तेजस्वी के जवाब का इंतजार, हालात जस के तस