स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: मात्र 33 महीने में बनकर तैयार हुई है लौह पुरुष की प्रतिमा, जानिये इससे जुडी ख़ास बातें

नई दिल्ली. आजाद भारत के पहले गृह मंत्री और देशभर में लोह पुरुष के नाम से याद किये जाने वाले स्वतंत्रता सैनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 143वीं जयंती है. उनका जन्म आज ही के दिन 31 अक्टूबर सन 1875 में गुजरात के नाडियाड में हुआ था. सरदार  वल्लभभाई  की जयंती के इस अवसर पर देश के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उनकी  एक विशालकाय प्रतिमा का अनावरण करने जा रहे है. इस प्रतिमा को 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' नाम दिया गया है. आइये हम आपको बताते है इस प्रतिमा से जुडी कुछ ख़ास बातें. 

- 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.  इस प्रतिमा की उचाई 182 मीटर है. इस प्रतिमा के बाद चीन में स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध और जापान में यू्शिकु दाईबुत्शु दुनिया की दूसरी और तीसरी सबसे ऊंची मूर्तियां है.

-  182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा अमेरिका के न्यूयोर्क शहर में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से तक़रीबन दोगुनी ऊंची है.

- इस प्रतिमा के नाम एक और विश्व  रिकॉर्ड है. यह प्रतिमा मात्र 33 महीने में पूरी तरह बन कर तैयार हो गई है. इस प्रतिमा के निर्माण का काम 19 दिसंबर, 2015  में शुरू हुआ था.  

-इस मूर्ति के निर्माण से जुडी एलएंडटी कंपनी के मुताबिक इस मूर्ति के निर्माण में तक़रीबन 2,989 करोड़ रुपये खर्च हुए है. 

-  'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

-इस प्रतिमा का वजन 1700 टन है. इसकी  ऊंचाई 182 मीटर यानी  522 फिट है. इस मूर्ति के चेहरे की  ऊंचाई ही 70 फिट है

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