चार साल पहले तक देश के आधे राज्यों पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी के लिए यह गंभीर सोच का विषय है कि देश में लगातार उसका दायरा सिमटता जा रहा है.कांग्रेस की अब सिर्फ तीन राज्य और एक केंद्र शासित राज्य में सरकार बची है. जिनमें कर्नाटक, पंजाब ,मेघालय और पुडुचेरी शामिल है. इससे भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है. बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी को एक-दो राज्य छोड़कर हर विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.कर्नाटक में कुछ माह बाद और मिजोरम में इस साल के अंत में चुनाव होंगे. यदि अब भी कांग्रेस ने मेघालय के ताजे नतीजों से ,जिसमें उसे दस साल के शासन के बाद भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, से सबक नहीं लिया तो, राजस्थान , छत्तीसगढ़ और एमपी, में भाजपा से कैसे मुकाबला करेगी जहाँ क्रमशः पांच ,दस और पंद्रह सालों से भाजपा की सरकार है. गुजरात चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से बढे उत्साह को इस हार ने ठंडा कर दिया है .इसलिए कांग्रेसअध्यक्ष राहुल गाँधी को महाधिवेशन में रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, ताकि कर्नाटक, मिजोरम में सरकार को बचाते हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान भाजपा से छीन सके.यदि इसमें कांग्रेस विफल रही तो उसके पास सिर्फ पंजाब और पुडुचेरी ही बचेगा. जो भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत के अभियान के स्मृति शेष समझेजाएंगे. यह भी देखें मोदी पर कैप्टन अमरिंदर का वार कांग्रेस के जले पर पीएम का नमक