फिलहाल शेयर बाज़ार मंदी के भयावह दौर से गुजर रहा है. इस साल बजट में कैपिटल गेन पर टैक्स प्रस्तावित किया गया है उससे बाजार काफी प्रभावित हुआ है. इसके अलावा वैश्विक बाज़ार की उथल -पुथल का भी प्रभाव पड़ा है. इसलिए शेयर बाज़ार के निवेशकों को इन दिनों सावधानी रखने की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि विदेशों में ब्याज दरों में गिरावट का असर भारत पर पड़ा है.बाज़ार के जानकारों के मुताबिक गिरावट का यह दौर कुछ महीनों तक चलने की आशंका को देखकर सलाह दी गई है कि दीर्घावधि के निवेशक ही बाजार में निवेश करें. छोटे निवेशक को सावधानी रखने की जरूरत है. बजट 2018 में एलसीजीटी लागू होने के बाद अब विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी में धन लगाएंगे इस पर संशय है.स्मरण रहे कि विदेशी निवेश के नाम पर सबसे ज्यादा पैसा शेयर बाजार में निवेश होता है. आपको जानकारी दे दें कि 2014 से शेयर बाजारों में 94 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है. नए नियम के तहत अब विदेशी संस्थागत निवेशकों को आय पर टैक्स देना होगा.शेयर बाजार में निवेश से नुकसान के आसार हैं.जबकि दूसरी ओर शेयर बाजार और पूरी अर्थव्यवस्था में कुछ दिनों में बेहतर परिणाम की उम्मीद भी की जा रही है . अब यह अनुमान कितना सटीक बैठेगा यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा. यह भी देखें पैडमैन ने पैड सस्‍ते करने की मांग की शेयर बाजार में आया भूचाल, सेंसेक्स 1000 अंक गिरा