फैजाबाद : राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर गर्म करने की तैयारी शुरू हो गई है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा रविवार रात को दो ट्रक पत्थरों की खेप को बेहद गोपनीयता से राम मंदिर कार्यशाला मे पहुँचाया गया . इसे लेकर अब हलचल और तेज हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के वंशी पहाड़ से दो ट्रकों में लाई गई पत्थरों की इस खेप में कुल 130 टन पत्थर सोमवार की सुबह अयोध्या लाया गया.विश्व हिंदू परिषद इसके लिए एक माह से तैयारी कर रही थी. बता दें कि रामसेवकपुरम् अयोध्या की कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशी का काम डेढ़ दशक से चल रहा है. सितंबर 1990 से ही रामनगरी में पत्थर आते रहे हैं लेकिन अखिलेश राज में पत्थरों का आपूर्ति रुक गई थी. लेकिन अब आपूर्ति पुन: शुरू की गई है. इस बारे में मंडलायुक्त मनोज मिश्र ने कहा कि रामसेवकपुरम् में दो ट्रकों में पत्थर वैधानिक तरीके से वाणिज्य कर विभाग से प्रक्रिया पूरी करके लाए गए है.डीएम ने भी प्रक्रिया को नियमानुसार बताया. वहीं प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि भरतपुर से पत्थरों का आना जारी रहेगा. राम मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का काम और तेज किया जाएगा. शर्मा ने बताया कि तत्कालीन अखिलेश सरकार ने वाणिज्य कर विभाग का सहारा लेकर राम मंदिर के लिए पत्थरों को अयोध्या लाने पर परोक्ष रूप से रोक लगा दी थी.राम लला मामले के प्रभारी त्रिलोकी नाथ पांडेय के अनुसार अभी करीब 100 ट्रक पत्थरों की जरूरत पड़ेगी .वहीं बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार मोहम्मद इकबाल अंसारी ने कहा कि मोदी व योगी सरकार सभी मोर्चों पर विफलता से ध्यान हटाने के लिए राम मंदिर के मसले को गर्माना चाहती है. यह भी देखें अयोध्या में मुस्लिमों ने गाय के दूध से खोला रोज़ा, RSS की इफ्तार पार्टी में दिखा सांप्रदायिक सौहार्द योगी ने कहा अयोध्या का मामला बातचीत से सुलझे, मुस्लिम भी राम मंदिर के पक्ष में