वाशिंगटन: धरती के ऊपर कोरोना महामारी की तरह ही समुद्र में भी एक महामारी फैल चुकी है। समुद्र और उसके वातावरण पर स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों की माने तो 50 वर्षों में पहली दफा समुद्र के अंदर इतनी बड़ी महामारी देखने को मिली है। समुद्री जीवों पर शोध करने वाले एक वैज्ञानिक ने तो इसकी तुलना इबोला वायरस से कर दी है। इस बीमारी की चपेट में जो जीव है जो समुद्र के भीतर के जीवन चक्र का आधार माना जाता है। इस जीव का नाम है कोरल रीफ। जिस बीमारी की गिरफ्त में कोरल रीफ आए हैं- उसका नाम है स्टोनी कोरल टिश्यू लॉस डिजीस। अमेरिका के वर्जिन आइलैंड्स के सेंट थॉमस तट के नीचे मौजूद कोरल रीफ SCTLD बीमारी से सबसे अधिक पीड़ित हैं। यह बीमारी काफी तेजी से फैल रही है। वैज्ञानिक इसके प्रसार की गति से परेशान हैं। इसकी वजह से लगभग 22 प्रजातियों के कोरल रीफ चपेट में आ गए हैं। ऐसा मंजर 50 वर्ष पूर्व देखने को मिला था। 1970 के दशक में व्हाइट बैंड बीमारी के कारण समुद्र के अंदर मौजूद कोरल रीफ की दो प्रजातियां नष्ट हो गई थी। लेकिन इस बार SCTLD ने कोरल रीफ की 22 प्रजातियों को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। सबसे बड़ी समस्या ये है कि वैज्ञानिकों के पास इस बीमारी को रोकने का कोई तरीका नहीं है। आज बढ़त के साथ खुले बाजार, HDFC और कोटक के शेयरों में आया उछाल 21 साल के निचले स्तर पर पहुंचे क्रूड आयल के भाव Sensex : बीते कारोबारी सप्ताह में इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़ा