कई लोग छींक को जबरदस्ती रोकने की कोशिश करते है, ताकि उन्हें कुछ लोगों के सामने शर्मिंदा न होना पड़े. लेकिन ये आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है ये आप नहीं जानते. आज हम इसी के बारे में बारे मे बताने रहे हैं. कई बार आप भी अपनी नाक बंद कर लेते हैं. छींक के दौरान नाक और मुंह से जो हवा निकलती है उसकी गति 100 मील प्रति घंटे की होती है. अगर आप करते है ऐसा ही तो कभी ना करें नहीं तो आपके दूसरे अंग पर असर पड़ सकता है. तो चलिए जानते हैं छींक रोकने के दुष्प्रभाव. * छींक को जबरन रोकने से नाक की कार्टिलेज में फैक्चर होने, नाक से खून आने, कान का पर्दे फटने, सुनाई न देने, चक्कर आने, आंखों पर दबाव पडऩे से रेटिना क्षतिग्रस्त होने और चेहरे पर सूजन आने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. * छींक आने पर नाक और मुंह के सामने रुमाल या टिशू पेपर रख सकते हैं लेकिन छींक को आने से रोकने की गलती कभी न करें. * छींक रोकने की वजह से आंखों की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो जाती हैं. इसके अलावा गर्दन में मोच भी आ सकती है. अगर प्रभाव ज्यादा हो तो दिमाग की नसों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. गले की खराश से हो सकते हैं ये इन्फेक्शन, तुरंत करें ठीक खाली पेट कभी ना पीएं छाए, झेलने पड़ेंगे ये नुकसान बॉडी बनाने के लिए सिर्फ जिम जाना काफी नहीं है, ये आहर भी होते हैं जरुरी