कहते हैं, नसीब जिसका साथ देता है, वो अच्छे अच्छों को मात देता है। वैसे तो आजकल के दौर में नसीब, किस्मत की बातों पर कोई विश्वास नहीं करता, लेकिन साढ़े सात अरब की आबादी वाली इस दुनिया में कई ऐसे उदहारण भी मौजूद हैं, जिनके बारे में जानकार आपको भी एक बार किस्मत पर यकीन हो ही जाएगा। आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया का सबसे 'बदकिस्मत भाग्यशाली इंसान' कहा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई व्यक्ति एक साथ बदकिस्मत और भाग्यशाली दोनों कैसे हो सकता है, तो आइए हम आपको बताते हैं इस शख्स की कहानी। इस शख्स का नाम है फ्रेन सेलक (Frane Selak), ये एक क्रोएशियाई नागरिक हैं और संगीत के शिक्षक हैं। 14 जून 1929 को जन्मे सेलक अपने जीवन के दौरान, कई बार भयानक स्थितियों में घिरे, लेकिन वे हमेशा उनसे बच निकलने में कामयाब रहे। उनकी परेशानियों का सिलसिला 1962 में आरंभ हुआ। यह जनवरी का महीना था, फ्रेन सर्जियो से डब्रोवनी की तरफ जा रहे थे, जब सर्दी के मौसम में अचानक वह ट्रेन जिसमें वह यात्रा कर रहे थे, लाइन में खराबी आने के कारण पटरी से उतर गई और बर्फीली नदी में गिर गई, जिससे 17 यात्रियों की मौत हो गई। लेकिन, सौभाग्य से, फ्रेन को किसी ने बाहर निकाल लिया था। हालांकि, उनकी एक बांह टूट गई थी और उन्हें हाइपोथर्मिया का सामना करना पड़ा था। हालाँकि, उनके साथ हुई दुर्घटनाओं का सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं होता। अगले साल, 1963 में, फ्रेन को पता चला कि उनकी मां बीमार है, जिनसे मिलने के लिए उन्होंने ज़गरेब से रिजेका के लिए फ्लाइट पकड़ी। यह उनकी पहली हवाई यात्रा थी। हालांकि, फ्लाइट पूरी तरह से बुक हो चुकी थी, उन्होंने किसी तरह एयरलाइन को मना लिया कि वह फ्लाइट अटेंडेंट के साथ विमान के पिछले हिस्से में बैठने की अनुमति दे। बीच रास्ते में, हवाई जहाज के दोनों इंजनों ने काम करना बंद कर दिया और केबिन का दबाव कम हो गया। इस दौरान, प्लेन के क्रू ने फ्रेन को एक टूटे हुए दरवाजे से बाहर पैराशूट बाँध कर छोड़ दिया गया था, जबकि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसमें मौजूद 19 लोग मारे गए थे। यहां एक बार फिर से फ्रेन ने मौत को चकमा दिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी हवाई यात्रा नहीं की। विमान हादसे के तीन साल बाद, 1966 में, फ्रेन एक बस की सवारी कर रहे थे, जो सड़क से फिसल कर नदी में जा गिरी, इस हादसे 4 यात्री डूब गए। हालांकि, फ्रेन तैर कर तट पर आ गए और कुछ मामूली चोटों के बाद बच गए। सार्वजनिक परिवहन के साथ इस तरह के भयानक अनुभव होने के बाद, फ्रेन ने ज्यादातर अपनी कार से यात्रा करने का फैसला किया। लेकिन उनकी किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था। 1970 में, उनकी कार में उस समय अचानक आग लग गई, जब वह गाड़ी चला रहे थे। हालांकि, इस हादसे में भी फ्रेन एन वक़्त पर कार से बाहर कूद गए और चंद सेकंड में उन्होंने अपनी आंखों के सामने ईंधन टैंक में विस्फोट होते हुए देखा। 1973 में, पिछले घातक कार दुर्घटना के तीन साल बाद, फ्रेन के साथ एक और कार हादसा हुआ। उनकी कार का ईंधन पंप टूट गया, जिससे इंजन में आग भड़क गई और उसमे से भीषण लपटें उठने लगी। इस हादसे में उनके बाल पूरी तरह से झुलस गए थे, लेकिन वह मौत के करीब जाकर एक बार फिर बच गए। एक अन्य घटना में, 1995 में, जेरेब में चलते वक़्त फ्रेन को एक बस ने टक्कर मार दी, मगर इस दुर्घटना में भी फ्रेन की किस्मत अच्छी रही और कुछ मामूली चोटों के साथ वे बच गए। इसके बाद 1996 में, क्रोएशियाई पहाड़ों में ड्राइविंग करते वक़्त संयुक्त राष्ट्र (UN) के ट्रक के साथ सीधी टक्कर से बचने के लिए, उनकी कार रेलिंग में दुर्घटनाग्रस्त हो गई और पहाड़ से 300 फीट नीचे खाई में जा गिरी। लेकिन इस हादसे में फ्रेन किसी फिल्म हीरो की तरह वह कार से कूदकर एक पेड़ पर कूद गया और उसे पकड़ पर लटक गए। यहां फिर एक बार फ्रेन ने मौत को मात दी। यह उनके जीवन की अंतिम घातक दुर्घटना थी और उसके बाद से वे ऐसी किसी घटना का शिकार नहीं हुए। 7 बार मौत को मात देने के बाद, फ्रेन ने 2003 में 73 साल की उम्र में एक लॉटरी जीती। इस लॉटरी की रकम 1,110,000 डॉलर थी। उन्होंने लॉटरी की राशि से दो घर और एक नाव खरीदी और आखिरकार 2010 में, उन्होंने मितव्ययी जीवन शैली जीने का फैसला लिया और अपनी अधिकांश दौलत अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को देने का फैसला लिया। चाहे पूरी 'दुनिया' ख़त्म हो जाए, फिर भी जीवित रहेंगे ये 7 महामानव कौन फ़तेह करेगा 'बंगाल' और किसके बिगड़ेंगे हाल ? ये 4 मुद्दे तय करेंगे राज्य की सियासी चाल ये हैं दुनिया के 5 सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम, जानकर हर भारतीय को होगा गर्व