हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा तीन तलाक को गैरकानूनी करने के बाद अब सरकार ने फैसला किया है कि वो निकाह हलाला की प्रथा का भी विरोध करेगी. मुस्लिम महिलाओं के लिए एक तरह से यह काफी अच्छा कदम होगा, ऐसे में अगर मोदी सरकार इस बिल को पारित कर निकाह हलाला को गैरकानूनी कर देती है तो फैल रही रूढ़िवादिता को रोकने के लिए एक अच्छा कदम होगा. हलाला यानी निकाह हलाला. यह एक तरह से रूढ़िवादिता से घिरी समस्या है, जिसमें एक पति-पत्नी शादी करने के बाद तलाक के बारे में फैसला करते और फिर उसके बाद एक साथ रहना चाहते है तो उनको हलाला करना पड़ता है. हलाला यानी 'निकाह हलाला' इस प्रथा में यदि कोई महिला अपने पति को तलाक देकर फिर से शादी करना चाहती है तो उसे पहले किसी और शादी करनी होगी इतना ही नहीं शादी के बाद उसे उस पुरुष से शारीरिक संबंध भी बनाने होते है. वहीं शारीरिक संबंध बनाने के बाद उस महिला को उस दूसरे मर्द से दोनों की मर्जी से तलाक देना होगा. जिसके बाद ही यह शादी हो पाएगी. हालाँकि यही चीज मर्दों के साथ भी है लेकिन औरतों पर यह एक तरह जुल्म ही है. कई लोग पहले भी इस कानून का विरोध कर चुके ही, अब सरकार एक बार फिर निकाह हलाला के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं के लिए कुछ अच्छा करने जा रही है. सैनी के हाथों में जल्द होगी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कमान मंदसौर रेप केस : मासूम के 2 घंटे में 3 ऑपरेशन हालत नाजुक इस मंदिर में भोले बाबा लगाते हैं सिगरेट के कश