वांशिंगटनः तनाव दूर करने के लिए अमेरिकी थिंक टैंक ने कहा कि आतंकवादियों को गिरफ्तार करने उनके प्रशिक्षण शिविर बंद करने सहित जितने भी अहम कदम उठाना है सभी पाकिस्तान पर ही निर्भर करता है। ऐसा करने से आपसी देशों में तनाव दूर होने की संभावना है। अभी हाल ही में 18 भारतीय जवानों की जान लेने वाले उरी आतंकी हमले का जवाब देने के विकल्पों पर भारत विचार कर रहा है। ‘द हैरिटेज फाउंडेशन‘ की लीजा कर्टिस ने कल कहा- तनाव तत्काल दूर करने के लिए गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है। आतंकी नेताओं की गिरफ्तारी, उनके प्रशिक्षण शिविर बंद करने जैसे ठोस कदम ही भारत को यहा समझा पाएंगे की इस्लामाबाद अपने पड़ोसियों के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए अपने भूभाग का इस्तेमाल किए जाने से रोकने के लिए पूरी तरह गंभीर है। कर्टिस ने कहा कि भारत चाहता है कि उसे एक उभरती और जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के तौर पर देखा जाए और ऐसे में क्षेत्र को भारत पाकिस्तान के बीच टकराव की ओर बढ़ाने की अनुमति देने के परिणामों के बारे में उसे सोचना होगा। इसके साथ ही उन्होन चेतावनी दी कि भारत की ओर से अगर सैन्य प्रतिक्रिया हुई तो पाकिस्तानी भूभाग में मौजूद आतंकवाद के प्रशिक्षण शिविर निशाना बन सकते है लेकिन ऐसे हमलों से सैन्य जमावड़ा बढेगा और युद्ध जैसे हालात बनेंगे। कर्टिस ने कहा कि अमेरिका ने हमले की पुरजोर निंदा की है लेकिन उसे एक कदम आगे बढ कर पाकिस्तान से उसके यहां से उन्मुक्त हो कर काम कर रहे आतंकवादी समूहों पर लगाम कसने की अपील करके तनाव कम करना चाहिएण् उन्होंने कहाए ष्तथ्य यह है कि पाकिस्तान वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों के आठ साल बाद भी इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने में नाकाम रहा है जबकि उसने सीमा पार से आतंकवाद को सहयोग न देने का दावा किया था। आपको बता दें कि रविवार को उत्तर कश्मीर के उरी शहर में सशस्त्र आतंकवादियों ने सेना की एक बटालियन के मुख्यालय पर हमला किया जिसमें 18 जवान शहीद हो गए और दर्जन से अधिक जवान घायल हो गए। इसके साथ ही इस पूरी मुठभेड़ में हमले में शामिल चार आतंकियों को भारतीय सेना ने मार गिराया।