काबुल: अफगानिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति पर बढ़ती चिंता के बीच कट्टरपंथी संगठन तालिबान अब अपने असली रंग में सामने आने लगा है। तालिबान के सर्वोच्च नेता मावलवी हेबतुल्ला अखुंदजादा ने जजों को देश में पूरी तरह से कड़ा इस्लामी कानून लागू करने का फरमान सुनाया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि हैबतुल्लाह अखुंदजादा की तरफ से आदेश उस समय आया, जब सर्वोच्च नेता ने न्यायाधीशों के एक समूह के साथ मुलाकात की। जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया है कि, जजों की मीटिंग में यह तय हुआ है कि चोरों, अपहरणकर्ताओं और देशद्रोहियों के विरुद्ध इस्लामिक कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामिक अमीरात के नेता के आदेश को देशभर में लागू किया जाएगा। अफगान समाचार एजेंसी ने बताया है कि यह पहली बार है, जब तालिबान नेता ने इस्लामिक संगठन के सत्ता में आने के बाद से पूरे देश में इस्लामी कानून के सभी पहलुओं को पूरी तरह से लागू करने का औपचारिक आदेश जारी कर दिया है। ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के मुताबिक, तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और बुनियादी अधिकारों को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करने वाली नीतियां लागू कीं - विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए सख्त प्रतिबंध लागू किए। तालिबान ने अपना शासन आने के बाद सभी महिलाओं को सिविल सेवा में नेतृत्व के पदों से बर्खास्त कर दिया और ज्यादातर प्रांतों में लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय में जाने से प्रतिबंधित कर दिया है। तालिबान के आदेश के अनुसार, महिलाएं तब तक यात्रा नहीं कर सकती, जब तक कि कोई पुरुष रिश्तेदार उनके साथ न हो। इसके अलावा महिलाओं को पूरा शरीर (चेहरा भी) ढकने का आदेश है। इसमें महिला टीवी न्यूजकास्टर भी शामिल हैं। अधिकार समूहों के मुताबिक, तालिबान के लड़ाके बदला लेने के लिए क़त्ल कर रहे हैं। पूर्व में शासित अफगान सरकार के दौरान रहे सरकारी अधिकारी और सुरक्षा बलों के कर्मियों के लापता होने की घटनाएं इसकी पुष्टि करती हैं। बीच सड़क पर ही कपल करने लगा अश्लील हरकत, और फिर... G20 Summit: मोदी-जिनपिंग-बाइडेन सब पहुंचे इंडोनेशिया, पुतिन ने क्यों बनाई दूरी ? G20 समिट: इंडोनेशिया में ऋषि सुनक से मिले पीएम मोदी, ब्रिटिश PM बनने के बाद पहली मुलाकात