नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों एवं किसान आंदोलन को लेकर आज राज्यसभा में बहुत हड़कंप हुआ। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सदन में अन्नदाताओं का मसला उठाया। इस के चलते गुलाम नबी ने बताया कि दिल्ली की तीन सीमाओं (सिंधु, टिकरी एवं गाजीपुर) पर, जहां अन्नदाताओं का आंदोलन चल रहा है, वहां पुलिस की कड़ाई बढ़ाई जा रही है। ऐसा क्यों किया जा रहा है? सरकार को किसानों से नहीं बल्कि चीन तथा पाकिस्तान से लड़ाई लड़नी चाहिए। गुलाम नबी ने बताया, ‘’किसान 130 करोड़ हिंदुस्तानियों को रोटी देते हैं। अन्नदाताओं से लड़कर हमें कुछ नहीं मिलेगा। अन्नदाताओं के समक्ष अंग्रेज भी झुक गए थे तथा हमें अन्नदाताओं से नहीं पाकिस्तान-चीन से लड़ाई जीतनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘’जो गतिरोध बना हुआ है, ये पहली बार नहीं हुआ है। सैंकड़ों वर्षों से ये जंग जारी है।’’ इस के चलते गुलाम नबी आजाद ने लाए गए उन कानूनों का ज़िक्र किया, जो अन्नदाताओं से जुड़े हुए थे। इसके माध्यम से आज़ाद ने यह बताने का प्रयास किया कि यदि अन्नदाताओं ने नहीं चाहा है तो कई बार उन कानूनों को वापस लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘’पूरा देश तथा सारी पार्टियां साथ हैं एवं हम अब चाहते हैं कि अन्नदाताओं का मुनाफा हो।’’ गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा, ‘’कुछ व्यक्ति 26 जनवरी के पश्चात् से गुम हैं, उनको तलाशा जाए। 26 जनवरी को जो लाल किले पर हुआ वो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जो भी सम्मिलित थे, उनको सख्त से सख्त सजा मिले। किन्तु बेगुनाह व्यक्तियों को न फंसाया जाए।’’ उन्होंने मोदी सरकार से तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने की भी मांग की। 'नेताओं और पत्रकारों पर FIR दर्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण...' राज्यसभा में बोले दिग्विजय सिंह BJD सांसद ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की उठाई मांग संजय सिंह सहित आप के 3 सांसद निष्काषित, राज्यसभा स्पीकर की चेतावनी के बावजूद कर रहे थे नारेबाजी