इंदौर. रोजगार की तलाश में जहां एक ओर गांव से युवा शहर की ओर पलायन करते है वहीं एक ऐसा शख्स है जो गांव में खेती करने में में अपनी रूचि दिखा रहा है. आपको बात दे कि IIT से पढ़ाई के पूरी करने के बाद इसने गांव की ओर आपने रुख किया है. इंदौर से अपनी स्कूलिंग करने वाले तथागद बारोड़ के पापा डॉक्टर हैं लेकिन बैकग्राउंड खेती का रहा है. तथागद ने मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.टेक और आईआईटी मुंबई से मास्टर्स डिग्री की है. इस एकेडमिक रिकॉर्ड के बाद किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में नहीं गए और गांव की तरफ रूख किया. वे किसानों की मदद करना चाहते थे ताकि नई टेक्नोलॉजी के जरिए किसान उतने ही रिसोर्सेस में ज्यादा कमाई कर सकें. आज वे बकायदा किसानों को नई चीजों की जानकारी भी दे रहे हैं और साथ में खेती भी कर रहे हैं. तथागद ने किसानों को बताया कि ग्रेडिंग और पैकेजिंग के बाद उन्हें ओर फायदा होगा. तथागत ने बताया कि पहले तो किसानों ने मेरे तरीकों को नकार दिया था लेकिन जब मैंने जो कहा वो कर के दिखाया. इसके लिए मैंने अपने पैतृक गांव में ही ज़मीन ली और प्याज लगाए. फर्टिलाइज़र का यूज कर पूरी फसल के दौरान हर 15 दिन में किया वो भी गीली ज़मीन पर. किसान अक्सर सूखी ज़मीन पर फर्टिलाइज़र डालते हैं. इसके अलावा वे आठ दिन में पानी खेतों में छोड़ते हैं तो बाढ़ सी ला देते हैं. ये फसल को नुकसान देती है. तीन दिनों के बाद में थोड़ा-थोड़ा पानी देता था. इसका फायदा यह हुआ कि दूसरे किसानों के मुकाबले मेरी फसल डेढ़ गुना ज़्यादा आई. इसके बाद किसानों ने मेरी सलाह पर अमल करना शुरू किया. हार्दिक पटेल के चार नए वीडियो क्लिप आए, उन्होंने कहा... पैन कार्ड आवेदकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला थानेदार