नेमार जूनियर का आज 30वां जन्मदिन है। आज वो लियोनल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के उपरांत तीसरे सबसे महंगे फुटबॉल खिलाड़ी हैं। उन्होंने महज 26 की उम्र में दुनिया के सबसे महंगे फुटबॉलर बनने का रिकॉर्ड भी बना हुआ है। लेकिन सफलता की इस ऊंचाई से जब आप नीचे देखेंगे तो आपको स्लम्स के निवासी है, पढ़ने के लिए मोमबत्ती का इंतजाम करने वाला लड़का दिखाई देगा।आइए आपको उस दौर में ले चलते हैं, जब नेमार कोई स्टार फुटबॉलर नहीं एक क्लब में फुटबॉल खेलने वाला आम सा लड़का था। ब्राजील के सांतोस क्लब में एक फुटबॉल मैच भी चल रहा था। 11 वर्ष का एक लड़का पेनल्टी किक लेने के लिए तैयार था। तभी कोच डोरिवाल जूनियर आए उन्होंने उस लड़के को हटाकर दूसरे लड़के को किक लेने को बोला। 11 वर्ष वो लड़का भागते हुए गया और बेंच तोड़ने लगा। कोच के कहने पर उसे क्लब से निकाल दिया गया। इस एक घटना ने उस परिवार को फिर से तोड़ दिया जिनकी आशा थी कि यह लड़का उन्हें स्लम की जिंदगी से उबार देगा। ये परिवार ब्राजील में डास कृजेस नाम की स्लम एरिया में रह रहा था। पिता फुटबॉल की ट्रेनिंग देकर आते तो बचे हुए समय में मजदूरी करने चले जाते थे। जो पैसे वो कमाकर लाते उसी से पत्नी बेटे और बेटी का पेट पलता। बेटे के क्लब से निकलने के उपरांत परिवार की हालत ये हुई कि बिजली बिल भरने का पैसा भी नहीं रहा। विभाग ने घर की बिजली तक काट दी थी। 11 वर्ष का बच्चा जब स्कूल से घर लौटा तो घर में अंधेरा था। उसकी जेब में कुछ पैसे थे, उसने बाजार से कुछ मोमबत्तियां खरीदीं। वही मोमबत्तियां जलाकर भाई-बहन होमवर्क पूरा करने लग गए। तब घर में एक ही गद्दा था। बच्चा और बहन गद्दे पर, पिता और मां दरी बिछाकर सो जाते थे। कुछ महीनों के उपरांत क्लब ने बच्चे को वापस भी बुला चुके है। लौटने पर बच्चे को बार-बार ताना मारते रहते है। उसे जरूरी मैच में बाहर बिठा देते, लेकिन वह हर अपमान सहकर अपने खेल को सुधारता रहा। उसके खेलने के अंदाज से क्लब के दूसरे अधिकारी खुश रहने लग गए थे। 15 की उम्र में बच्चे के बारे में अखबारों में चर्चा होने लगी। उसे कई विज्ञापन मिलने लग गए। 17 की उम्र में उसे FC सांतोस में सीनियर टीम के‌ लिए चुन लिया गया। ये वर्ष 2008 था। एक साल में लड़के ने 30 से अधिक गोल दागे और 2009 में वो अंडर-17 ब्राजील टीम का कप्तान भी बना चुका था। केवल 8 वर्ष पूरे हुए, 2017 में वही लड़का दुनिया का सबसे महंगा फुटबॉलर बना। उसका नाम है, नेमार द सिल्वा सैंटोस जूनियर, यानी नेमार जूनियर। 2017 में जब नेमार सबसे महंगे खिलाड़ी बने तो उन्होंने अपने बचपन को याद करते हुए बोला है कि 'ज्यादा दिन नहीं बीते। 2008 तक मैं उसी घर में रहता था। पड़ोस में कूड़ाघर था। पूरे शहर का कूड़ा यही फेंकते थे। बदबू आती थी। कई रात बदबू से बचने की तरकीब सोचने में ही बीत रही है। आज भी वो कूड़ाघर वैसा ही है।' 19 साल में बने पिता- जिस दौर में नेमार पैसा और शोहरत दोनों हासिल कर रहे थे तभी उन्होंने कॉरोलिना डेंटास विवाह की और 19 वर्ष की आयु में पिता बन गए थे। उन्होंने बेटे का नाम रखा देवी लुक्का है। अब वो एक खुशहाल जिंदगी भी बिता रहे है। अब वो खुशहाल जिंदगी गुजार रहे हैं। 'रोहित शर्मा नहीं खेलेंगे अगला T20 वर्ल्ड कप...' टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर ने की भविष्यवाणी टीम इंडिया के क्रिकेटर की पत्नी से 10 लाख की धोखाधड़ी, छानबीन में जुटी यूपी पुलिस थाईलैंड ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा ये खिलाड़ी