मुरैना/ब्यूरो: कस्बे में बारिश के बाद बेहद खराब हालात पैदा हो जाते हैं। बारिश में जहां मुख्य बाजारों में पानी भरता ही है, इसके अलावा जो सड़कें जर्जर हो चुकीं हैं। कस्बे का ड्रेनेज सिस्टम हमेशा से ही ध्वस्त पड़ा हुआ है। अब यहां की सड़कें भी इस खराब ड्रेनेज सिस्टम की वजह से खराब हो चुकी है। जहां सड़क जर्जर होकर जलभराव रहने से यहां से गुजरने वालों के लिए परेशानी खड़ी करता है। खासबात यह है कि जौटई रोड से एक लगभग एक सैंकड़ा गांवों के लोग आवागमन करते हैं। जिन्हें कस्बे में प्रवेश करते ही इस जलभराव व जर्जर सड़क से होकर ही बाजार तक पहुंचना पड़ता है। इसी तरह बाईपास रोउ के यही हालात है। जहां से अब वाहन गुजरना लगभग पूरी तरह से बंद ही हो चुका है।उल्लेखनीय है कि कस्बे में बारिश के बाद बेहद खराब हालात पैदा हो जाते हैं। बारिश में जहां मुख्य बाजारों में पानी भरता ही है, इसके अलावा जो सड़कें जर्जर हो चुकीं हैं। उनकी हालत भी खराब हो जाती है। इन सड़कों के जर्जर होने की वजह भी खराब ड्रेनेज सिस्टम ही है। जहां नाले नालियों टूटने या निर्माण न होने से सड़क जलभराव की वजह से जर्जर हो गईं। इन्हीं में जौटई रोड है जहां परमानेंट जलभराव रहने से सड़क में गड्ढे हो चुके हैं। अब जब भी बारिश होती है तो पूरी ही सड़क पर पानी भर जाता है। इन जर्जर सड़क के गड्ढों में पानी कई दिनों तक जमा रहता है। वहीं नाले नालियों का पानी बहकर इनमें भर जाता है। अब परेशानी यह है कि इस जौटई रोड से लगभग एक सैंकड़ा से ज्यादा गांव जुड़े हुए है। जिनके लिए पोरसा कस्बे में पहुंचने का एक मात्र रास्ता है। जिन्हें इसी जलभराव होकर गुजरना पड़ता हैं हर दिन स्कूली बच्चे इसी रास्ते से होकर पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन इसके बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है। जिसकी वजह से रहवासियों को खासी परेशानी पड़ती है। सपा से गठबंधन टूटते ही राजभर पर भड़के स्वामी मौर्य, कह दी बड़ी बात 'सिंधिया के जाने से शोषण मुक्त हुए कांग्रेस नेता', इस नेता ने दिया बड़ा बयान महामंडलेश्वर बनाने का अधिकार सिर्फ13 अखाड़ों को, जानिए पूरा मामला