नई दिल्लीः तमिलनाडु से आने वाले एस. बद्रीनाथ एक वक्त भारतीय टीम का हिस्सा हुआ करते थे। मगर फिलहाल लंबे अरसे से टीम से गायब हैं। बद्रीनाथ को मिडिल आर्डर का उम्दा बल्लेबाज माना जाता है। उन्हें बेहतरीन फिल्डर भी माना जाता है। बद्रीनाथ ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने करियर का आगाज किया था। उन्होंने यह आगाज 2008 में श्रीलंका के खिलाफ किया था। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नागपुर में पहला मैच खेला था। इस मैच में उसके बल्ले से पहली ही पारी में अर्धशतक लगाया। 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टी-20 डेब्यू में वो मैन ऑफ द मैच चुना गया। बद्रीनाथ ने केवल अब तक 7 वनडे, 2 टेस्ट और एक टी-20 मैच ही टीम के लिए खेल सके। बद्रीनाथ ने बीते साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उन्होंने 2008 से लेकर 2011 तक देश के लिए दस अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया के लिए सिर्फ दस ही मैच खेलने की कसक उन्हें भी रही. इस बारे में एक बार बद्रीनाथ ने कहा भी था कि निश्चित रूप से मुझे और अधिक टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहिए था। मैंने 2010 में तीन पारियां खेलीं. उसके बाद 2011 में वापसी की. मैं घरेलू सत्र में सर्वाधिक रन बनाने वाला बल्लेबाज रहा. मैंने 1200 से अधिक रन बनाए. मगर मुझे उसके बाद टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। 2014 में आईपीएल की किसी फ्रेंचाइजी ने बद्रीनाथ को नहीं चुना. जबकि इससे पहले वो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स के बल्लेबाजी क्रम का अहम हिस्सा थे. इस टीम के साथ वे छह सीजन तक जुड़े रहे और मुश्किल से ही किसी मैच से नदारद रहे। बिहार में खेला गया अनोखा क्रिकेट मैच, धोती-कुर्ते में नज़र आए खिलाड़ी, संस्कृत में हुई कमेंट्री दिल्ली रणजी टीम ने इन्हेंं नियुक्त किया गेंदबाजी कोच, रह चुके है विराट कोहली के कोच कोहली की बादशाहत खतरे में, इस खिलाड़ी से है खतरा