खरीफ फसलों की बुवाई का समय निकल चुका है मगर फसल तैयार होने और कटाई में अभी बहुत वक़्त शेष है। हरियाणा सरकार इस बार पहले से ही सतर्क है। दरअसल, फसल कटाई के चलते किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा एवं पंजाब में प्रदूषण की गंभीर दिक्कत खड़ी हो जाती है। हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दे रही है। इसके तहत किसानों को 50 फीसदी तो कस्टम हायरिग सेंटर स्थापित करने पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने इन मशीनों पर सब्सिडी के लिए आवेदन करने की अंतिम दिनांक 25 अगस्त रखी है। आपको बता दें कि हरियाणा सरकार पराली जलाने को लेकर इस बार बहुत सख्त है। इसके लिए प्रशासन को प्रशासन को रेड एवं येलो जोन वाले गांवों को चिन्हित करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। सरकार चाहती है कि किसान इन यंत्रों का इस्तेमाल करें, पराली ना जलाएं। वही इस योजना के तहत किसानों को सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट (SMS), हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर, मल्चर, बेलर, रोटरी सलेसर, क्राप रीपर, ट्रैक्टर चलित, स्वचलित, रिवर्सिबल एमबी प्लाउ, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन, सुपर सीडर, बेलिग मशीन, शर्ब मास्टर, स्लेसर की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान दिए जाने का ऐलान किया गया है। इस स्कीम का फायदा लेने के लिए किसान को हरियाणा का निवासी होना आवश्यक है। इस के चलते किसानों के पास परिवार पहचान पत्र, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा की पंजीकरण प्रति के साथ-साथ मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज होने जरूरी है। इसके अतिरिक्त किसान के पास स्वयं सत्यापित घोषणा पत्र, शपथ पत्र तथा फसल अवशेष नहीं जलाने के बारे शपथ पत्र भी होना जरुरी है। इस स्कीम के बारे में ज्यादा जानकारी एवं आवेदन करने के लिए http://agriharyana।gov।in पर विजिट कर सकते हैं। AAP ने खेला नया दांव, 'राजपूत कार्ड' को लेकर मचा बवाल VIDEO: नोएडा में गार्ड से महिला ने की धक्का-मुक्की, लगातार देती रही गालियां 'रामदेवरा में नहीं हुई शराबबंदी तो करूंगा आत्मदाह', बाबा रामदेव के वशंज ने दी CM गहलोत को चेतावनी