नई दिल्ली : खबर है कि आगामी बजट में सरकार राशन की दुकानों को मिलने वाली चीनी की सब्सिडी खत्म कर सकती है. इस कारण निम्न वर्ग के लिए चीनी महंगी हो जाएगी. खबर है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बार बजट में राशन की दुकानों से सस्ती चीनी बेचने के लिये राज्यों को दी जाने वाली 18.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी खत्म कर सकते हैं. इससे करीब 4500 करोड़ रुपये की सब्सिडी बचेगी. इस सोच के पीछे की वजह यह है कि नये खाद्य सुरक्षा कानून में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के लिये किसी तरह की कोई सीमा नहीं रखी गई है. ऐसे में केंद्र को आशंका है कि राज्य सरकारें सस्ती चीनी का कहीं और भी इस्तेमाल कर सकती हैं.बता दें कि फिलहाल इस योजना में 40 करोड़ बीपीएल परिवार लक्षित है. जिनके लिए 27 लाख टन चीनी की जरूरत होती है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकारें राशन की दुकानों से नियंत्रित मूल्य पर चीनी आपूर्ति करने के लिये सरकार खुले बाजार से थोक भाव पर चीनी खरीदती हैं और फिर इसे 13.50 रुपये किलो के सस्ते भाव पर बेचतीं हैं. दूसरी तरफ राज्यों को इसके लिये केन्द्र सरकार से 18.50 रुपये प्रति किलो के भाव पर सब्सिडी दी जाती है. उद्योग जगत ने बजट के लिए रखे कई प्रस्ताव और कार्पोरेट मांगी छूट सर्विस टेक्स को दो स्लैब में कर सकती है सरकार