नईदिल्ली। भारत ने पहली बार किसी लड़ाकू विमान के माध्यम से सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल लक्ष्य पर छोड़ने और लक्ष्य भेदने का सफल परीक्षण किया। ब्रह्मोस मिसाइल ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना अधिक तेज़ी से हमला करने में सक्षम है। इस परीक्षण से जहां भारतीय वायु सेना की दक्षता बढ़ी है वहीं भारत मिसाइल तकनीक में एक कदम आगे बढ़ा है। अब ब्रह्मोस की रेंज पहले से अधिक हो जाएगी और इस मिसाइल के नियंत्रण में पाकिस्तान, चीन समेत कई देशों के महत्वपूर्ण स्थल आ सकेंगे। मिसाइल के इस तरह के परीक्षण को डेडली काॅम्बिनेशन कहा जा रहा है। गौरतलब है कि ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक श्रेणी की मिसाइल है जिसे रडार से ज्ञात करना बेहद कठिन कार्य है। यह विशेष अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। जिससे आतंकी ठिकानों और शत्रु के क्षेत्र को ध्वस्त किया जा सकता है। गौरतलब है कि यह मिसाइल प्रणाली हवा से जमीन में मार करने में सक्षम है। यह उन्नत मिसाइल है। इसका निर्माण भारत और रूस के संयुक्त प्रयासों से हुआ है। इसलिए इसका नाम ब्रह्मोस मिसाइल रखा गया है। सुखोई फाइटर जेट से पहली बार दागी जाएगी ब्रह्मोस मिसाइल हेल्पलाईन का उपयोग कर मुख्यधारा में लौट रहे आतंकी अलग-अलग सेनाओं के अलग-अलग तरीके अकेली बाइक पर 58 लोगों को लेकर किया ये बेहतरीन कारनामा, हर कोई है दंग