एक दार्शनिक ने अपने शब्दों के अनुसार एक अच्छी बात कही है की अगर दुनिया में अंधकार नाम की चीज नहीं होती तो यहाँ पर प्रकाश की कोई अहमियत नहीं रह जाती। जीवन के दौर में अप्रत्यक्ष रूप से मिलने वाले धोखे यह संदेश देते है कि हमारी जीवनशैली में भरोसा कितना महत्वपूर्ण होता है। मनोविज्ञान के विशेषज्ञ मानव जीवन की गतिविधियों, स्वभाव आदि से अच्छे से वाकिफ होते है और बता सकते है की कौन कितना वफादार है, इसी प्रकार ज्योतिष की भी अपनी मान्यता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार किसी जातक की कुंडली यह बताती है कि वह किसी व्यक्ति के प्रति कितना वफादार रहेगा, रिश्तों को निभाने के लिए वह किस हद तक जा सकता है, साथ ही वो प्रेम के संबंधो में कैसा है और क्या वह किसी को धोखा दे सकता है। ऐसे बहुत से सवालों के जवाब ज्योतिष विज्ञान के जरिए दिए जा सकते है। इस बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी यह है की अगर कुंडली में लग्न चक्र के पहले भाव में शुक्र बैठा हो। साथ ही आठवें में गुरु, नौवें में राहू तथा सूर्य, तीसरे भाव में केतु-शनि, चतुर्थ में मंगल-बुध और सातवें में चंद्रमा विराजमान हो तो ऐसे लोगो का चरित्र संदेहास्पद होता है। वह प्रेम के संबंधो में अपनी वफादारी नही निभाता है। इस प्रकार के लोग अक्सर अपने मनोरंजन के लिए प्रेम करते हैं और एक जगह से मन भरने के बाद अन्यत्र चले जाते हैं। इन लोगो के लिए प्रेम जैसा पवित्र शब्द केवल मनोरंजन होता है। ये रिश्तों की पवित्रता में विश्वास नहीं रखते है। ज्योतिष के कहे अनुसार इस प्रकार के लोग मीठी बातें बनाने में माहिर होते हैं। उन्हें झूठी प्रशंसा करना पसंद होता है। ये एक साथ अनेक महिलाओं से प्रेम-प्रसंग चलाते हैं, और अंततः उन्हें धोखा दे जाते हैं। मिट्टी में छुपे होते है सफलता के कई राज़ इन महिलाओं से शादी मतलब जीवन की बर्बादी ये पौराणिक कथा जो बताती है समुद्र के खारे पानी का रहस्य मथुरा में स्थित ये मंदिर विवाह में आ रही बाधा को करता ख़त्म