नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली स्थित राजघाट पर जारी कांग्रेस के संकल्प सत्याग्रह पर भाजपा ने चुन-चुनकर निशाना साधा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि, सम्पूर्ण लोकतंत्र का अपमान करने वाले लोग सत्याग्रह के नाम पर महात्मा गांधी जी की समाधि पर जो कर रहे हैं, उसमें सत्य के प्रति कोई आग्रह नहीं, बल्कि अहंकार का दुराग्रह निर्लज्जता के साथ नज़र आ रहा है। सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि राहुल गांधी मामले में जो भी हुआ वह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा था। संसद का पुराना नियम था जिसके तहत उनकी सांसदी गई। ये लोग अदालत के प्रति दुराग्रह कर रहे हैं। 'इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार ने खून से सींचा है', कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के इस बयान पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार करते हुए कहा कि, 'हमे तो इतिहास में पढ़ाया गया था कि गांधी जी ने बगैर खून बहाए देश को आजादी दिलाई थी, तो प्रियंका जी पहले तय कर लें कि कौन से कांग्रेस के लोगों ने खून बहाया।' सुधांशु ने चुनौती देते हुए पुछा कि, 'एक कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर का नेता बताएं जिसने आजादी के लिए खून बहाया हो या काला पानी की सजा काटी हो या अंग्रेजों की गोली से जान गंवाई हो।' सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के सत्याग्रह को गांधीजी का भी तिरस्कार बताया। उन्होंने कहा कि, गांधी जी ने अपना पहला सत्याग्रह सामाजिक कारण से किया था, जबकि कांग्रेस आज अपने लिए, अपने निजी कारण से सजायाफ्ता होने के बाद अदालत के फैसले के खिलाफ सत्याग्रह का ड्रामा करती दिख रही है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, कांग्रेस वाले जो भी आरोप लगा रहे हैं, वो निराधार हैं। सरकार पर कितना कुछ कहा गया। प्रधानमंत्री के ऊपर विष वमन किया गया, मगर जब आप भारत और पिछड़े समाज के खिलाफ घृणा फैलाते हैं और उस पर आपको सजा होती है। फिर आप सियासी आरोप लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसमें मुझे उद्दंडता और निर्लज्जता दोनों दिखाई देती है। प्रियंका गांधी के परिवार वाले बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि, 'आपकी दादी इंदिरा गांधी के खिलाफ अदालत द्वारा दोष सिद्ध हुआ था। राजीव गांधी का नाम बोफोर्स घोटाले में सामने आया था। आप किस पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात कर रहे हैं।' सुधांशु त्रिवेदी ने एक बार फिर पिछड़े समाज के अनादर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, भारत के पिछड़े समाज के प्रति ऐसा दुराग्रह और जिस बेशर्मी के साथ ये लोग उसका समर्थन कर रहें है। ईमानदारी से आपको माफी मांगनी चाहिए थी। इतना बड़ा बयान और जाति का अपमान किसी और ने किया होता, तो यही लोग देश में आग लगा देते। भाजपा नेता ने पुछा कि, 'ये सत्याग्रह किस लिए है? पिछड़ी जाति का अपमान किया इसको जस्टिफाई करने के लिए? ये अहिंसा के खिलाफ है?' बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने परिवारवाद के आरोपों पर भगवान राम की मिसाल दी थी। इस पर हमला बोलते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा भगवान राम की तुलना करना बेहद दुखद है। गांधी का अंतिम शब्द था हे राम और कांग्रेस वाले राम को काल्पनिक बताकर राम मंदिर के खिलाफ खड़े हुए थे। राम को काल्पनिक कहने वाली पार्टी कांग्रेस, आज राम की मिसाल दे रही है। राहुल गांधी के किन बयानों पर मचा है बवाल, जानिए उनमे कितना सच-कितना झूठ ? 3 बार सुप्रीम कोर्ट में 'माफ़ी' मांग चुके हैं राहुल गांधी, राहत भी मिली, लेकिन इस बार क्या हुआ ? CM केजरीवाल का एक और 'सिपाही' निकला अपराधी ! दलित छात्र को पीटने के मामले में AAP विधायक दोषी करार