देश में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन देने वाले उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान अपने ही पैसों के लिए काफी परेशान हो रहे है. यूपी की योगी सरकार गन्ना फैक्ट्री के मालिकों के खिलाफ किसानों के समर्थन उनका पैसा दिलाने में किसी भी तरह से सफल साबित नहीं हुई है जिसके बाद जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे गन्ना किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है, हाल ही में यूपी के राहुल ने आत्महत्या कर ली जिसका कम्पनी पर 3 लाख रुपए बकाया था. यूपी के बागपत जिले के 32 साल के गन्ना किसान राहुल की छोटी बहन कैंसर से पीड़ित है, कई दिनों से हॉस्पिटल के चक्कर काटने के बाद राहुल को अपनी बहन का ऑपरेशन कराना था चुकी चीनी मिल में जाकर अपने हक़ के 3 लाख रुपए लेने की कोशिश लेकिन काफी बार मिल के चक्कर काटने के बाद भी राहुल की समस्या के लिए न मिल मालिक ने ध्यान दिया न ही प्रदेश में किसानों के साथ खड़े रहने का वादा करने वाली योगी सरकार ने. अब राहुल इस दुनिया में नहीं है, सरकार और पूंजीपतियों ने मिलकर उसकी जान ले ली, हालाँकि ये जान अप्रत्यक्ष रूप से ली गई है जिसमें कोई गुनहगार नहीं है सिवाय राहुल के. शायद राहुल की ही गलती थी जो वो यूपी में गन्ना किसान बना. जानकारी के अनुसार राहुल की मौत के बाद राहुल का पैसा, राहुल के बड़े भाई के पास आ गया लेकिन बड़े भाई ने उन पैसों को लेने से इंकार कर दिया. ऐसा ही एक मामला टिकरी गाँव में हुआ था जहाँ आत्महत्या करने वाले रामवीर के परिवार वालों को मौत के बाद पैसा मिल गया. छपरौली में भी आत्महत्या करने की कोशिश करने वाले किसान सहदेव को इसके बाद पैसा मिल गया था. अब सवाल ये उठता है कि क्या यूपी में अपने ही पैसे के लिए किसानों को पहले आत्महत्या करनी होगी उसके बाद परिवार को पैसा मिलेगा.