लखनऊ: यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों की हिंसक भीड़ से खुद को बचाने में कामयाब हुए भाजपा नेता सुमित जायसवाल ने हाल में एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में 3 अक्टूबर की घटना पर आँखो-देखा हाल बताया है। बता दें कि सुमित जायसवाल वही भाजपा नेता हैं, जो घटना संबंधी एक वीडियो में गाड़ी से निकल कर भागते हुए नज़र आए थे और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने कहा था कि ये तो केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष ‘मोनू’ हैं। जायसवाल ने मीडिया से कहा कि उस दिन एक कार्यक्रम में राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या आने वाले थे और वह लोग उनके स्वागत में ही जा रहे थे। हालाँकि, बीच रास्ते में उन्हें ‘दंगाइयों’ की भीड़ मिली और उन लोगों ने लाठी-डंडे व धारधार हथियारों से गाड़ी पर हमला कर दिया। देखते ही देखते गाड़ी के शीशे टूट गए और ड्राइवर हरिओम की आँख और सिर में वो कांच के टुकड़े चुभ गए। लेकिन, इसके बाद गाड़ी अनियंत्रित हो गई और किनारे में जाकर लग गई। सभी लोग मारो-मारो चिल्लाकर उनकी तरफ भागे। सुमित के अनुसार, माहौल ऐसा था जैसे वो लोग सोच के बैठे हों कि वो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर रहेंगे। हालातों को देख सुमित ने अपनी जान बचाने का प्रयास किया और गाड़ी छोड़ कर भागे। सुमित से जब पूछा गया कि आखिर वो लोग कौन थे। क्या वह किसान थे या कभी उन्हें लखीमपुर में देखा गया था। इस पर सुमित ने जवाब दिया कि वो उस भीड़ को किसान नहीं कह सकते। उनके मित्र शुभम मिश्रा को उसी भीड़ ने मार डाला और जब उन्होंने उसका शव देखा तो उसे निर्दयता से मारा गया था। ये सब किसान नहीं कर सकता। किसान इतना बेरहम नहीं हो सकता। सुमित ने यह भी बताया कि हमला करने वाले लोगों के हाथों में तलवार और धारदार हथियार थे, अगर वे नहीं भागते तो हिंसक भीड़ उन्हें भी मार डालती। आमजन को झटका! आज फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 13 पैसे गिरकर 74.44 पर बंद हुआ भारतीय रुपया 446 अंक उछला सेंसेक्स, निफ्टी 17,800 अंक के पार