नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 7 इस्लामिक प्रभुत्व वाले राष्ट्र के नागरिकों के अमेरिका में आने पर रोक लगा दी थी हालांकि इस मामले में न्यायालय ने अपना आदेश दिया और ट्रंप के आदेश पर रोक लग गई लेकिन ट्रंप के निर्णय के बाद विश्वभर में खलबली मच गई। इस दौरान लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने 7 देशों के ऐसे कर्मचारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है जो कि गूगल के लिए अमेरिका से बाहर जाकर कार्य कर रहे थे। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इन कर्मचारियों को अमेरिका से बाहर न जाने क लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका में जो विदेशी टैलेंट आने वाली थी उस पर ट्रंप के निर्देश से रोक लगेगी। सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को लिखे गए अपने ईमेल में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा इस तरह के निर्णय से इन इस्लामिक राष्ट्रों के डेढ़ सौ से भी अधिक लोगों को रोजगार का संकट झेलना होगा। अमेरिका में भी बड़े पैमाने पर बदलाव आएगा और इसका असर अमेरिका में काम करने वाले और अमेरिका के बाहर काम करने वाले अमेरिकियों पर भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अब तक जो प्रतिभाशाली लोग आते थे वे यहां आने से बचेंगे। सुंदर पिचई के ही साथ फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने भी डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में शरणार्थी बड़े पैमाने पर हैं यदि मुस्लिम प्रभुत्व वाले देशों के लोगों को आने से रोका जाएगा तो फिर जिन लोगों को हमारी जरूरत है हम उन तक पहुंच नहीं पाऐंगे। शरणार्थियों के लिए खुलापन अमेरिका की पहचान है। यदि हम पहले भी इस तरह की नीति अपनाते तो मेरी पत्नी प्रेसिलिया का परिवार चीन और वियतनाम से शरणार्थी के तौर पर यहां नहीं आ पाता और फिर यह परिवार यहां कभी नहीं आ पाता। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा "नही देना चाहिए था मुझे वोट" पद संभालने के पहले दिन 34 वादों पर खरे नहीं उतरे ट्रंप सीआईए ने कहा, पाकिस्तान को चीन दे रहा विनाशकारी मंत्र!