नई दिल्ली. अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की सरंक्षणवाद नीति की विश्वभर में आलोचना हो रही है. प्रेसिडेंट इलेक्शन के प्रचार में उन्होंने अपनी नीतिया स्पष्ट रूप से पेश कर दी थी. डोनाल्ड की आलोचना में एक और नाम जुड़ गया है, भारतीय टेलीकॉम सेक्टर के दिग्गज सुनील भर्ती मित्तल का उन्होंने यह भी सवाल किया है कि क्या भारत को भी फेसबुक और गूगल को सिर्फ इसलिए ना कर देना चाहिए क्योकि वह दोनों अमेरिकी कंपनिया है. मित्तल ने यह भी बताया कि उन्हें डोनाल्ड की नीतियों से कोई अधिक चिंता नहीं है, क्योकि उनका बिजनेस पूरी तरह से घरेलू भारतीय बाजार से जुड़ा है. किन्तु जब विदेशी कंपनियों की कमाई एक अच्छे स्तर पर भारत में हो रही हाई तब इस स्थिति में भारतीय कामगारों को रोकना बिलकुल अनुचित है. आगे वह कहते है कि आप ऐसी स्थिति में नहीं रह सकते है कि एक तरफ तो फेसबुक के 20 करोड़, वाट्सएप के 15 करोड़ और गूगल के 10 करोड़ कस्टमर हो तब क्या हमें यह कहना चाहिए कि हम फेसबुक और गूगल का भारत में संचालन नहीं चाहते. हमारे पास खुद के एप्स भी है. ये भी पढ़े मेरे कार्यकाल का समय, अमेरिका के इतिहास के सबसे सफल 100 दिन में से एक विवाहित हैं तो अमेरिका में मिलेगा स्टेंडर्ड टैक्स डिडक्शन दक्षिण कोरिया ने थाड के लिए एक अरब डॉलर देने से मना किया