'लिटिल मास्टर' और भारतीय क्रिकेट के गौरव पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का आज 69वां जन्मदिन हैं. 10 जुलाई 1949 को मुंबई में जन्मे ये करिश्माई क्रिकेटर 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज है. भारतीय क्रिकेट की धुरी बन चुके गावस्कर का क्रिकेट में योगदान अतुल्य है. 'लिटिल मास्टर' के क्रिकेट करियर और आकड़े सभी जानते है, मगर उन्हें क्रिकेटर बनाने वाली बचपन की घटना आज हम आपको बता रहे है. गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'Sunny Days' में बताया है कि 'मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते.' गावस्कर ने बताया 'जब मेरा जन्म हुआ तब मेरे चाचा जिन्हें मैं नन-काका कहकर बुलाते था. वो मेरे जन्म के बाद अस्पताल में मुझे देखने आए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क देखा था.' गावस्कर ने बताया, 'अगले दिन चाचा फिर मिलने अस्पताल आए और उन्होंने बच्चे को गोद में उठाया, लेकिन उन्हें बच्चे के कान पर वो निशान नहीं मिला. इसके बाद पूरे अस्पताल में नए जन्मे बच्चों को चेक किया गया. जिसके बाद मैं उन्हें मछुआरे की पत्नी के पास सोते हुए मिला.' गावस्कर ने बताया, 'अस्पताल की नर्स ने गलती से मुझे वहां सुला दिया था. गावस्कर का कहना है कि शायद बच्चों को नहलाते समय वह बदल गए थे. अगर उस दिन मेरे चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता तो हो सकता था कि मैं आज मछुआरा होता.' बर्थ-डे स्पेशल: सुनील गावस्कर के करियर पर एक नज़र अपनी बायोपिक में इस एक्ट्रेस को चाहती हैं मिताली राज पाक़िस्तान से हार के बाद मैक्सवेल कर रहे अपनी इज्ज़त नीलाम