सूर्य का कर्क राशि में गोचर: षडष्टक योग के बुरे प्रभावों से रहें सावधान

16 जुलाई 2024 को ग्रहों के राजा सूर्य मिथुन राशि में अपनी यात्रा समाप्त कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जो कर्क संक्रांति का शुभ अवसर होगा। ग्रहों का यह परिवर्तन, जिसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है, सभी राशियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। ज्योतिष के अनुसार, जब कोई ग्रह राशि या नक्षत्र बदलता है, तो वह विभिन्न योग और युतियाँ बनाता है, जो व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित करते हैं।

सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश से षडाष्टक योग का निर्माण होगा, जो सूर्य और शनि की युति से होने वाला एक दुर्लभ और अशुभ योग है। माना जाता है कि यह योग व्यक्तियों को संकट, रोग, कर्ज, चिंता और कठिनाई लाता है। नतीजतन, कुछ राशियों को सावधानी बरतने और नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए सावधानी से चलने की आवश्यकता है।

कर्क राशि: इस राशि के जातकों पर षडाष्टक योग का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। उन्हें सतर्क रहना चाहिए और अपने स्वास्थ्य और रिश्तों का ख्याल रखना चाहिए। तनाव से बचें और जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें, खासकर कार्यस्थल पर, क्योंकि इससे समस्याएं बढ़ सकती हैं।

सिंह राशि: सूर्य के गोचर के कारण सिंह राशि के जातकों को भी चिंता बढ़ सकती है। कानूनी मामलों में सावधानी बरतें और किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय पर सावधानीपूर्वक विचार करें। नए उद्यम शुरू करने से बचें, क्योंकि समय अनुकूल नहीं है।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों को भी इस दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। शत्रुओं से दूरी बनाए रखें और वाद-विवाद में न उलझें। वाहन चलाते समय सावधान रहें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

निष्कर्ष रूप में, सूर्य का कर्क राशि में गोचर और उसके बाद षडाष्टक योग का निर्माण कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ लेकर आ सकता है। ज्योतिषीय निहितार्थों को समझकर और आवश्यक सावधानियाँ बरतकर, व्यक्ति नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं और इस अवधि को आसानी से पार कर सकते हैं।

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