नईदिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने आज रीलीज़ से पहले विवादों से घिरी फिल्म पद्मावती को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, संवैधानिक पद पर बैठे लोग आखिर गैर जिम्मेदाराना बयान कैसे दे सकते हैं, किसी को भी सेंसर बोर्ड के निर्णय से पूर्व बयानबाजी नहीं करना चाहिए। बयानबाजी के कारण फिल्म के खिलाफ माहौल तैयार हो रहा है। उल्लेखनीय है कि, फिल्म पद्मावती को लेकर राजपूत समाज आक्रोशित है। राजपूत समाज का आरोप है कि फिल्म में निर्देशक ने ऐतिहासिक तथ्यों को प्रभावित किया है। इस मामले में सबसे पहले राजपूत करणी सेना ने विरोध जताया। राजपूत करणी सेना ने फिल्म की शूटिंग कर रही यूनिट को शूटिंग करने से रोका था और कथित तौर पर निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट भी की गई थी। इसके बाद से राजपूत करणी सेना विरोध कर रही थी। फिल्म दिसंबर माह में संभावित तौर पर रीलीज़ होगी। हालांकि मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात समेत कुछ राज्य सरकारों ने इसकी रीलीज़ पर रोक लगा दी है। जिसके कारण फिल्म के प्रदर्शन की तारीख को लेकर असमंजस बना हुआ है। दूसरी ओर पद्मावती को लेकर लगभग हर दिन विवाद हो रहे हैं। ऐसे में फिल्म सुर्खियों में है। विवाद के बाद राजस्थान के एक किले में लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की जानकारी भी सामने आ चुकी है। तो दूसरी ओर, कथित तौर पर लोग फिल्म कलाकार दीपिका पादुकोण और निर्देशक संजय लीला भंसाली के सिर और नाक को काटने को लेकर करोड़ों रूपए देने की घोषणाऐं तक कर चुके हैं। एससी ने लगाई एनजीटी के आदेश पर रोक प्रतिबंध के बाद भी महिला ने फोन पर दिया तलाक शेल्टर को लेकर, सुप्रीम कोर्ट ने किए केंद्र और राज्य से सवाल