नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के वकील और पशु अधिकार कार्यकर्ता शिराज कुरैशी ने मुस्लिमों के सबसे बड़े पर्व बकरीद से एक दिन पहले कहा कि, 'इस्लाम में जानवरों के साथ क्रूरता करना ‘हराम’ है।' मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बकरीद के जश्न में लाखों बेजुबान जानवरों की कुर्बानी को लेकर कुरैशी ने कहा कि जानवरों के प्रति क्रूरता, उन्हें प्रजनन के लिए बाधित करना, उनकी हत्या करना, परिवहन और अपने लाभ के लिए उनको बंधक बनाना व उनका मांस खाना इस्लाम में हराम है। वहीं, पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के मुताबिक, बकरीद से पहले पूरे मुंबई शहर में अनगिनत अस्थायी और गैर कानूनी बकरा बाजार खुल गए हैं। ऐसे भीड़-भाड़ वाले बाजार न सिर्फ महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए सर्कुलर का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि कोरोना संकटकाल में ऐसे माहौल में स्थिति बेहद भयावह हो सकती है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी को देखते हुए जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, जानवरों की खरीद की इजाजत सिर्फ ऑनलाइन और टेलीफोन के माध्यम से ही की जा सकती है। ईद के दौरान तमाम मौजूदा पशु बाजारों को बंद रखने की इजाजत दी गई है। PETA इंडिया ने कहा कि उन्होंने मुंबई के अंधेरी, भायखला, गोवंडी, जोगेश्वरी, कुर्ला और मानखुर्द समेत कई क्षेत्रों में 23 अवैध पशु बाजारों की जाँच की। उन्होंने पाया कि एक लाख से ज्यादा बकरों को बिक्री के लिए असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत अलग-अलग राज्यों से यहाँ लाया गया है। PETA ने CMO को दी शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसे बाजार और विभिन्न राज्यों से जानवरों का परिवहन कोविड प्रोटोकॉल और द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (PCA) एक्ट 1960, ट्रांसपोर्ट ऑफ एनिमल्स रूल्स, 1978 का उल्लंघन है। पेगासस विवाद पर शशि थरूर बोले- "स्वतंत्र जांच की जरूरत और राष्ट्रीय सुरक्षा कोई बहाना नहीं..." आयरलैंड ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों पर से हटाया प्रतिबंध तमिलनाडु सरकार चेन्नई में इतने करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौते पर करेगी हस्ताक्षर