सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल को तमिलनाडु के थुथुकुडी (तूतीकोरिन) में अपनी स्टरलाइट कॉपर यूनिट खोलने की वेदांता की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए कोरोना की स्थिति को लगभग 'राष्ट्रीय आपातकाल' करार दिया था। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ तमिलनाडु सरकार की आपत्ति से प्रभावित नहीं थी जिसने शुरुआत में सोमवार को वेदांता की याचिका पर सुनवाई की मांग की थी और विभिन्न आधारों पर इसे खोलने का विरोध किया था जिसमें यह भी शामिल है कि इसे पहले शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है। उन्होंने आगे कहा, हम यह सब समझते हैं। हम संयंत्र द्वारा सभी पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे और इसकी ऑक्सीजन उत्पादक सुविधा को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। हम ऑक्सीजन प्लांट पर हैं। पीठ ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और एस रविंद्र भट को भी शामिल करते हुए कहा, जब तमिलनाडु के लिए पेश वरिष्ठ वकील सी एस वैद्यनाथन ने कंपनी की याचिका पर आपत्ति जताई। लगभग एक राष्ट्रीय आपातकाल है और आप (तमिलनाडु) समाधान में स्पोक्स नहीं डालते हैं। पीठ ने कहा, हम कल इस पर (वेदांता की दलील) सुनवाई करेंगे। देश को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है और केंद्र किसी भी स्रोत से ऑक्सीजन बढ़ा रहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, वेदांत अपने संयंत्र को चालू करना चाहता है, लेकिन वेदांत को केवल स्वास्थ्य प्रयोजनों के लिए ऑक्सीजन का निर्माण करने के लिए चालू करने दें। वेदांता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दिन में ही याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग की और कहा कि लोग दैनिक आधार पर मर रहे हैं और हम कोरोना रोगियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति कर सकते हैं। हॉस्पिटल के बाहर ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड की उपलब्धता के डिस्प्ले पर दर्ज की गई याचिका सरकार ने दी कर्मचारियों को अहम् सलाह, कहा- "जल्द से जल्द लगवा लें कोरोना वैक्सीन...." कोरोना को लेकर दिलीप कुमार ने किया ऐसा ट्वीट, यूजर्स बोले- अपना ख्याल रखिए...