आख़िरकार बिहार को रणजी खेलने की इज़ाज़त मिल ही गई. लम्बे समय के इंतजार के बाद बिहार टीम अब रणजी ट्रॉफी में खेल पायेगी. सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा, 'बिहार सत्तर के दशक से क्रिकेट खेल रहा है. उन्होंने कहा, 'झारखंड और बिहार क्रिकेट को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसे बाद में सुलझाया जाएगा. पहले बिहार के खिलाड़ियों और टीम को खेलने दिया जाए'. दीपक मिश्रा ने यह भी कहा कि हम यह भी साफ कर दें कि यह अंतरिम आदेश दाखिल याचिकाओं पर नहीं बल्कि क्रिकेट और खिलाड़ियों के हित के लिए दिया गया है. हालांकि बीसीसीआई के वकीलों ने अपनी बात जोर से कहते हुए कहा कि बिहार और झारखंड विवाद में हैं. और बिहार को रणजी ट्रॉफी में खेलने की इजाजत देना सही नहीं होगा. लेकिन दीपक मिश्रा ने कहा कि इन दोनों से जुड़े जितने भी विवाद हैं, उन्हें बाद में हम देखेंगे. पहले बिहार को रणजी ट्रॉफी खेलने दी जाए. बिहार के युवा क्रिकेटरों को हक नहीं मारा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब बिहार के क्रिकेटरों का वह सपना पूरा हो गया, जो पिछले करीब दशक भर से लंबित पड़ा था. अब बिहार की टीम अगले रणजी ट्रॉफी सेशन में हिस्सा ले सकेगी. क्रिकेट की आज की बड़ी खबरें : 2018, 02 दिसंबर विदर्भ ने पहली बार जीता रणजी ट्राफी ख़िताब गुरबानी ने रचा इतिहास, रणजी फाइनल में दूसरी बार हुआ यह कारनामा