हैदराबाद: हैदराबाद की हुसैन सागर झील में गणेश प्रतिमा के विसर्जन को लेकर तेलंगाना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने इस साल हुसैन सागर झील में मूर्ति विसर्जन की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने हुसैन सागर झील में मूर्तियों को विसर्जित करने के उच्च न्यायालय के फैसले को अगले साल से लागू करने का आदेश दिया. गणेश मूर्तियों को इस वर्ष हुसैन सागर झील में विसर्जित करने की अनुमति देते हुए शीर्ष अदालत ने ये भी कहा कि मूर्तियों को क्रेन से फ़ौरन हटा दिया जाएगा और ठोस कचरे वाले स्थान पर स्थानांतरित किया जाए. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हुसैन सागर झील में मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए उच्च न्यायालय लो गाइडलाइन्स को अगले वर्ष से लागू किया जाए. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार से कहा कि 'मैं हुसैन सागर झील के प्रदूषण के संबंध में जानता हूं. वहां पीने के पानी की समस्या है और झील को सुंदर बनाने और उसे बनाए रखने में बहुत दिक्कतें हैं, आप जानते हैं कि हर साल ऐसा होता है, इसलिए वक़्त पर कदम क्यों नहीं उठाए गए? मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लाखों लोग इस साल गणपति उत्सव में हिस्सा लेंगे. हम इस साल इजाजत दें रहे है, क्योंकि वह कह रहे हैं कि मूर्तियों को फ़ौरन स्थानांतरित कर दिया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जनता का अनुशासन और सहयोग भी अहम है. क्या लाखों को इस झील या टैंक झील या दूसरी झील के संबंध में निर्देश देना संभव है? हम सरकारी कार्रवाई से भी खुश नहीं हैं, किन्तु अंतिम समय में फैसला नहीं ले सकते. केंद्र ने 120 करोड़ रुपये की PLI योजना को दी मंजूरी मेघालय में राष्ट्रगान को दिया गया स्वदेशी स्पर्श मैदान में घुसे डॉग को मिला ICC अवॉर्ड