नई दिल्ली: मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले की कोयला खदान में फंसे 15 श्रमिकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय के हालात पर चिंता व्यक्त की है, साथ ही राज्य सरकार से पूछा है कि 15 मजदूरों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और उनको अभी तक क्यों नहीं निकाला जा सका है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है और खदान में फंसे 15 श्रमिकों की जिंदगी और मौत का प्रश्न है. नए साल में ईपीएफ पर मिलने वाले ब्‍याज में हो सकती है बढ़ोतरी शीर्ष अदालत ने कहा है कि इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि उनकी मृत्यु हो गई है या वे खनिक जीवित हैं, लेकिन हमें हर हाल में उन्हें खदान से बाहर निकालना चाहिए. हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे सभी जीवित बाहर निकल जाएं. साथ ही अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मजदूरों को बाहर निकालने के प्रयासों से संतुष्ट नहीं है. कोर्ट ने 15 खनिकों को निकालने के लिए तत्काल कार्यवाही करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता आदित्य एन प्रसाद से केंद्र के विधि अधिकारी को निर्देशित करने के लिये कहा ताकि इस मामले में उचित आदेश दिया जा सके. आरबीआई ने घोषित किए ट्रेजरी बॉन्ड्स की नीलामी परिणाम आपको बता दें कि मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले की कोयला खदान में 13 दिसंबर से 15 श्रमिक फंसे हुए हैं. भारतीय नौसेना के गोताखोर सोमवार को 19वें दिन खदान की आखिरी सतह तक पहुंचने में सफल हो गए थे, लेकिन उन्हें खनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकीय थी. गोताखोरों का कहना था कि जलस्तर 30 मीटर की सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक घटने के बाद ही श्रमिकों का पता चल सकता है. खबरें और भी:- सोने और चांदी ने लगाई छलांग, दोनों के भावों में तेजी आज देखने को मिला मार्केट में बड़ा उतार चढ़ाव 3 साल से पाई-पाई को मोहताज है विजयपत, लेकिन अब कोर्ट के आदेश से बेटे को मात देने की तैयारी