नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर राज्य में उपद्रव और प्रदर्शन की स्थिति को रोकने के लिए जहां केंद्र सरकार ने पैलेटगन के उपयोग का बचाव किया है वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने इसके अलावा किसी अन्य विकल्प को तलाशने की बात कही है। एससी का इस मामले में केंद्र सरकार से पूछना था कि क्या पैलेट गन उचित है बल्कि इसके विकल्प के तौर पर कुछ अन्य माध्यम का उपयोग किया जा सकता है। गौरतलब है कि पैलेटगन के उपयोग का निर्देश मजिस्ट्रेट द्वारा हिंसा और उपद्रव की स्थिति में लोगों को नियंत्रित करने के लिए दिया जाता है। केंद्र सरकार ने पैलेट गन के उपयोग का बचाव करते हुए यह कहा कि देश की संप्रभुता और अखंडता दांव पर है ऐसे में इस गन के उपयोग को दूर नहीं रखा जा सकता है हालांकि कोर्ट के पूछे जाने पर केंद्र ने कहा है कि यह आसान नहीं है यह तो सुरक्षा से जुड़ा मसला है। मगर सरकार वैकल्पिक विधि मिल जाने पर न्यायालय को जानकारी देगा। एससी के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आखिर क्या पैलेट गन से बच्चे पीड़ित हैं। यदि बच्चे प्रदर्शन में शामिल होते हैं तो फिर उनके अभिभावकों को क्यों नहीं चेताया गया है। गौरतलब है कि राज्य में हिंसा का सामना करने के लिए पैलेट गन का उपयोग किया गया था। हिंसा में करीब 3 हजार 7 सौ सत्तर सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। पाकिस्तान आतंकवाद खत्म करे तभी बातचीत से सुलह संभव - राजनाथ सिंह कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, 2 आतंकी ढेर कश्मीर के पुलवामा में पूर्व सरपंच को पहले किडनैप किया फिर गोलियों से भूना