दुष्कर्म के बात गर्भवती होने से एक 10 साल की बच्ची के केस में सुप्रीम कोर्ट ने पीजीआई से बच्ची की गर्भावस्थ की रिपोर्ट मांगी है.जिसमे बलात्कार पीड़ित 10 साल की बच्ची अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म देगी या नहीं, इसका फैसला पीजीआई का मेडिकल बोर्ड करेगा. बता दे कि याचिका में दुष्कर्म की वजह से गर्भवती हुई 10 वर्षीय बच्ची के 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी गई है.इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में कहा गया था कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है, कि बलात्कार पीड़िता को बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया जाता है, तो ये पीड़िता और बच्चे दोनों के लिए घातक हो सकता है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मामले में चंडीगढ़ पीजीआई के डायरेक्टर को डॉक्टरों का एक बोर्ड गठित कराने, और पीड़िता की जांच कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. इस रिपोर्ट में ये बताया जाएगा की बच्ची का 26 सप्ताह का गर्भ गिराया जा सकता है या नहीं? आपको बता दे कि कुछ दिन पहले 10 वर्षीय बच्ची की पेट में दर्द की शिकायत के चलते अस्पताल में इलाज के दौरान उसके गर्भवती होने की बात सामने आयी.जिसके बाद बच्ची से पुछताछ करने पर पता चला , कि उसके मामा ने उसके साथ दुष्कर्म किया. वही आरोपी का पता लगने पर पुलिस ने आरोपी मामा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. नाबालिग लड़की को बनाया हवस का शिकार डॉक्टर ने नाबालिग को बनाया हवस का शिकार, कंपाउंडर भी शामिल छात्रा के अपहरण के बाद आगजनी, 21 मकान किए आग के हवाले