नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) हरीश हसमुखभाई वर्मा सहित गुजरात की लोअर कोर्ट्स के 68 जजों को बड़ा झटका देते हुए उनके प्रमोशन पर आज शुक्रवार (12 मई) को रोक लगा दी। बता दें कि, सूरत के CJI हसमुखभाई वर्मा ने ही बीते दिनों मानहानि के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार दिया था। शीर्ष अदालत के न्यायालय एम.आर. शाह और न्यायालय सी.टी. रविकुमार की पीठ ने कहा कि गुजरात राज्य न्यायिक सेवा नियमावली 2005 के मुताबिक, योग्यता-सह-वरिष्ठता के सिद्धांत और योग्यता परीक्षा पास करने पर ही प्रमोशन होना चाहिए। नियमावली में 2011 में संशोधन किया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि, 'उच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई लिस्ट और जिला न्यायाधीशों को पदोन्नति देने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश गैरकानूनी और इस कोर्ट के फैसले के विपरीत है। अत: इसे बरकरार नहीं रखा जा सकता।' शीर्ष अदालत ने कहा कि, 'हम प्रमोशन लिस्ट के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हैं। प्रमोशन पाने वाले संबंधित अधिकारियों को उनके मूल पदों पर वापस भेजा जाता है, जिन पर वह अपनी प्रमोशन से पहले पदस्थ थे।' सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया और मामले को सुनवाई के लिए उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया क्योंकि न्यायमूर्ति शाह 15 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। दोस्त फरमान के साथ उत्तराखंड हाई कोर्ट पहुंची हिन्दू लड़की भावना, मांगी नमाज़ पढ़ने की इजाजत और सुरक्षा रिश्वत लेकर बांटी नौकरियां ! CM ममता के भतीजे अभिषेक की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने CBI दिया बड़ा आदेश सुप्रीम कोर्ट से पॉवर मिलने के 24 घंटे बाद फिर केंद्र की शिकायत लेकर SC पहुंची केजरीवाल सरकार, जानिए क्यों ?