नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय आज शुक्रवार को दिग्गज पत्रकार एन. राम और शशि कुमार की उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है, जिसमें कथित पेगासस जासूसी कांड की मौजूदा या रिटायर्ड जस्टिस से स्वतंत्र जांच के लिए निर्देश देने की मांग की गई है. वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने इस मामले का जिक्र करते हुए कहा कि नागरिकों, राजनेताओं, विपक्षी दलों, पत्रकारों और अदालत के कर्मचारियों की नागरिक स्वतंत्रता को निगरानी में रखा गया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जो भारत और पूरे विश्व में बड़ा विषय बन गया है और इस मुद्दे पर तुरंत सुनवाई की जरुरत है. सिब्बल की दलीलों के बाद बेंच ने कहा कि वह अगले हफ्ते मामले की सुनवाई कर सकती है. पत्रकारों द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि एक सैन्य-ग्रेड स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके बड़े स्तर पर निगरानी कई मौलिक अधिकारों का हनन करती है और स्वतंत्र संस्थानों में घुसपैठ, हमला और अस्थिर करने की कोशिश का प्रतिनिधित्व करती है, जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार को यह खुलासा करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की कि क्या उसकी किसी एजेंसी ने Pegasus स्पाइवेयर के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है या कथित रूप से निगरानी करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसका उपयोग किया है. अगस्त 2022 तक चालू होगा गोवा का नया हवाई अड्डा लगातार 13वें दिन भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत, जानिए आज का दाम सीईए ने कहा- "जीएसटी दर संरचना का युक्तिकरण सरकार के एजेंडे में..."