नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं देने के मामले को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर 'बदले की राजनीति' का आरोप लगाया है. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा के नाम को सरकार ने स्वीकृति दे दी है, लेकिन जोसेफ नाम को मंजूरी नहीं दी गई .सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम से इन दोनों लोगों के नाम की फाइल 22 जनवरी को कानून मंत्रालय को मिली थी. बता दें कि मार्च, 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया था.लेकिन कुछ दिनों बाद ही जस्टिस जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसे निरस्त कर दिया था. इसे कांग्रेस ने बदले की राजनीति बताया है. बता दें कि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में इसे प्रधानमंत्री मोदी की 'बदले की राजनीति' और सुप्रीम कोर्ट का साजिशन गला घोंटने' का प्रयास बताते हुए कहा कि जस्टिस जोसेफ भारत के सबसे वरिष्ठ मुख्य न्यायाधीश होने के बाद भी मोदी सरकार ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने से इंकार कर दिया. सुरजे वाला ने सवाल किया कि क्या यह इसलिए किया गया कि उन्होंने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को रद्द कर दिया था? प्रवक्ता ने कहा कि 2014 में भी मोदी सरकार ने प्रसिद्ध न्यायविद गोपाल सुब्रमण्यम के नाम को भी सुप्रीम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप मंजूरी नहीं दी थी, क्योंकि वे अमित शाह और उनके लोगों के खिलाफ वकील रहे थे. यह भी देखें अपने ही 'पार्टी' पर कुल्हाड़ी मारते कांग्रेसी नेता कर्नाटक चुनाव में इन मुद्दों पर होगा घमासान